क्या वाकई किसी को सम्मोहित किया जा सकता है, क्या इसका भी होता है कोई कोर्स? जानें सब कुछ
फिल्मों में सम्मोहित कर अपने कार्य करवाने की कला आपने देखी होगी, लेकिन अक्सर ये सवाल उठता होगा कि क्या सच में ये हो सकता है. तो चलिए आज संक्षेप में हिप्नोटाइज के बारे में जानते हैं.
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हाल ही में अजय देवगन, आर. माधवन, ज्योतिका और जानकी बोदीवाला स्टारर फिल्म शैतान में हिप्नोटाइज के बारे में बताया गया है. जिसमें आर माधवन का रोल हिप्नोटाइज करके जानकी के रोल से कई तरह के गलत काम करवाता है. हालांकि हिप्नोटाइज का जो तरीका फिल्मों में बताया जाता है असल में वो उससे बहुत अलग होता है.
दुनिया में कत्लेआम मचाने वाले हिटलर के बारे में भी कहा जाता है कि उसने सम्मोहन के प्रभाव में आकर कई कदम उठाए थे. ऐसे में क्या आपके मन में ये सवाल उठता है कि वाकई सम्मोहन जैसी कोई चीज होती है? चलिए जान लेते हैं.
क्या होता है हिप्नोटिज्म?
अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन की मानें तो सम्मोहन वो अवस्था होती है जिसमें व्यक्ति का ध्यान इस तरह एकाग्र हो जाता है कि किसी एक व्यक्ति द्वारा दिए जा रहे सुझावों पर ही उसका ध्यान रहता है. आसान भाषा में हिप्नोटाइज की तुलना नींंद से की जा सकती है. जिसमें हम किसी भी चीज को लेकर बिल्कुल अलर्ट नहीं होते हैं. हालांकि नींंद में हम किसी भी चीज के लिए अलर्ट नहीं होते वहीं जब हमें सम्मोहित किया जाता है जब हम किसी खास आवाज के लिए ही अलर्ट होते हैं.
क्यों पड़ी सम्मोहन की जरूरत?
सम्मोहन विद्या का इस्तेमाल काफी प्राचीन समय से किया जा रहा है. सबसे पहले इस विद्या का इस्तेमाल स्विटरजरलैंड के चिकित्सक Paracelsus ने पंद्रहवी सदी में किया था. जिसका इस्तेमाल मरीजों को दर्द से राहत देने के लिए किया जाता था.
दरअसल उस समय में एनस्थीशिया नहीं होता था, लिहाजा वे संक्रमित पैर या हाथ या किसी हिस्से को काटने के लिए मरीज को सम्मोहित करते थे. ये एक तरह से दर्द को मैनेज करने का काम करता था. वहीं इजिप्ट और ग्रीस में सम्मोहन के लिए मंदिर हुआ करते थे, जिन्हें स्लीप टेंपल्स और ड्रीम टेम्पल्स के नाम से जाना जाता था. भारत में भी मनुसंहिता में सम्मोहन का जिक्र मिलता है. वहीं अब भी हिप्नोसिस का इस्तेमाल इलाज के लिए होता है, लेकिन तब इसे हिप्नोथैरेपी कहा जाता है.
आप कैसे सीख सकते हैं हिप्नोसिस?
दूसरे देशों में इसके लिए बाकायदा कुछ कोर्स रखे जाते हैं वहीं भारत में ये एक अनरेगुलेटेड पेशा है. जिसे करनेे के लिए लाइसेंस की जरूरत नहीं होती है. कोई भी हिप्नोटाइज करना सीख सकता है.
हालांकि इसके लिए एक अच्छे शिक्षक की जरूरत पड़ती है. भारत के लगभग सभी बड़े शहरों में कई हिप्नोथैरेपी सेंटर और एकेडमी हैं, जो सम्मोहन सिखाने या आजमाने का दावा करते हैें. हालांकि कहा जाता है कि एक अच्छा सम्मोहनकर्ता बनने के लिए लगभग 300 घंटों की ट्रैनिंग लेना जरूरी होता है.
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