क्या आर्टिफिशियल रेन की तरह दिल्ली में बर्फ भी गिराई जा सकती है? जान लीजिए जवाब
Artificial Snowfall In Delhi: सर्दियों की दस्तक के बाद दिल्ली वालों के मन में सवाल क्या आर्टिफिशियल रेन की तरह दिल्ली में आर्टिफिशियल स्नोफॉल नहीं करवाया जा सकता. चलिए आपको बताते हैं इसका जवाब.

Artificial Snowfall In Delhi: कुछ वक्त पहले ही दिल्ली में बढ़ते पॉल्यूशन को देखकर दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार से आर्टिफिशियल रेन यानी बारिश करवाने की परमिशन मांगी थी. हालांकि उसके लिए भी कुछ मापदंडों का पूरा होना जरूरी है. वरना कृतम बारिश नहीं हो सकती. जो कि नहीं हो पाए थे. दिल्ली में पहली बार साल 2023 में 20 और 21 नवंबर को कृत्रिम बारिश यानी आर्टिफिशियल रेन करवाई गई थी.
दिल्ली में इन दिनों सर्दियों ने दस्तक दे दी है. सर्दियों का मजा लेने के लिए बहुत से लोग पहाड़ों पर जाना पसंद करते हैं. क्योंकि वहां पर जमकर बर्फबारी भी होती है. इस बीच कई लोगों के मन में यह सवाल भी आ रहा है कि आर्टिफिशियल रेन की तरह दिल्ली में आर्टिफिशियल स्नोफॉल नहीं करवाया जा सकता. चलिए आपको बताते हैं इसका जवाब.
क्या दिल्ली में हो सकती है आर्टिफिशियल स्नोफॉल?
सर्दियों के मौसम में लोगों बर्फबारी का मजा लेने में पहाड़ों का रुख करते हैं. दिल्ली में भी सर्दियां तो खूब पड़ती है. लेकिन बर्फबारी नहीं होती. जिस तरह पॉल्यूशन को कम करने के लिए आर्टिफिशियल रेन करवा सकते हैं. कई लोगों के मन में यह सवाल भी आता है. क्या ऐसे आर्टिफिशियल स्नोफॉल करवा सकते हैं. सवाल तो वाजिब है लेकिन क्या वाकई यह मुमकिन है. तो आपको बता दें या मुमकिन जरूर है लेकिन बहुत मुश्किल है.
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क्योंकि आर्टिफिशियल स्नोफॉल के लिए सबसे जरूरी चीज होती है वातावरण. जिस प्रकार आर्टिफिशियल रेन के लिए बादलों का होना जरूरी है. उसी प्रकार आर्टिफिशियल स्नोफॉल के लिए टेंपरेचर जीरो डिग्री से कम होना जरूरी है. ताकि पानी जम सके लेकिन दिल्ली के तापमान की बात की जाए. तो सर्दियों में फिलहाल यह 2 से 3 डिग्री तक ही जाता है. जब बहुत ठंड पड़ती है. तो कई बार कुछ समय के लिए तापमान जीरो डिग्री तक पहुंच पाता है.
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कैसे होती है आर्टिफिशियल स्नोफॉल?
दिल्ली में शॉपिंग मॉल और एंटरटेनमेंट पार्क जैसी जगहों पर आपको आर्टिफिशियल स्नोफॉल का लुत्फ उठाने का मौका मिल जाता है. क्योंकि यहां बेहद कम जगह के लिए आर्टिफिशियल स्नो गिराई जाती है. आर्टिफिशियल स्नोफॉल के लिए स्नो मशीन का इस्तेमाल किया जाता है. इस मशीन से बर्फ के छोटे टुकड़े बनते हैं. जो पानी और हवा के मिश्रण को जमाते हैं.
ऐसा होन के लिए तापमान जीरो डिग्री से कम होना चाहिए. ह्यूमिडिटी कम होनी चाहिए. ताकि बर्फ के पार्टिकल्स टिक सकें. बर्फबारी के लिए हवा में नमी के अलावा बहुत कम तापमान और हाई प्रेशर की जरूरत होती है. जो दिल्ली जैसे शहर में बना पाना काफी मुश्किल है. यानी कुल मिलाकर कहें तो दिल्ली में आर्टिफिशियल स्नोफॉल नहीं हो पाएगा.
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