देश की राजधानी दिल्ली में 28 जुलाई को हुई बारिश ने 88 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया. ये बारिश कितनी थी इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि कई जगहों पर जलभराव हो गया, वहीं कुछ जगहों पर पानी में डूबने से लोगों की जान चली गई. इसके बाद 31 जुलाई को भी दिल्ली में भीषण बारिश हुई. अब माना जा रहा है कि दिल्ली में बादल फटे थे, जिसकी वजह से इस तरह की स्थिति बनी. चलिए जानते हैं कि इसके पीछे मौसम विभाग क्या कहता है और क्या दिल्ली में बादल फट सकता है? इसके पीछे का साइंस जानते हैं.


क्या होता है बादल फटना?


मौसम विज्ञान के मुताबिक यदि अचानक किसी एक जगह पर 20-30 वर्ग किलोमीटर दायरे में 1 घंटे में 100 मिलीमीटर (100 MM) बारिश (Rain) होती है तो इसे बादल फटना कहा जाता है. इसे वैज्ञानिक भाषा में क्लाउडबर्स्ट (Cloudburst) या फ्लैश फ्लड (Flash Flood) भी कहा जाता है. ये ठीक उसी तरह है जैसे पानी का गुब्‍बारा कहीं पर फोड़ दिया जाए तो उस जगह पर सारा पानी फेल जाता है. दरअसल बारिश जब चरम रूप में हो जाती है तो उस स्थिति को मुहावरे के तौर पर बादल फटना कहा जाता है.


दिल्ली में फटे बादल?


मौसम विभाग ने दिल्ली में हुई बारिश को लेकर स्पष्ट कर दिया है कि ये घटना बादल फटने का नतीजा नहीं थी. आईएमडी प्रमुख मृत्युंजय महापात्रा ने इंडिया टुडे ग्रुप से हुई बातचीत में बताया कि शहर के प्राथमिक मौसम केंद्र सफदरजंग वेधशाला ने 28 जून को सुबह 5 बजे से 6 बजे के बीच 91 मिमी बारिश दर्ज की. इसी तरह, लोधी रोड मौसम स्टेशन पर सुबह 5 बजे से 6 बजे तक 64 मिमी और सुबह 6 बजे से 7 बजे तक 89 मिमी बारिश दर्ज की गई. महापात्र के मुताबिक इस स्थिति को बादल फटना नहीं कहा जा सकता, लेकिन ये बादल फटने के बहुत करीब था.


क्यों कहा गया बादल फटे?


इसके बाद फिर दिल्ली में बुधवार को लगभग एक घंटे में 100 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश दर्ज की गई. इसके बाद भी कई इलाकों में जलभराव की स्थिति देखने को मिली. इस दौरान मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी कर दिया. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बताया कि प्रगति मैदान इलाके में 112.5mm बारिश दर्ज की गई. एक घंटे में इतनी बारिश को बादल फटना माना जाता है. यही वजह है कि दिल्ली में भीषण बारिश को बादल फटना माना गया. हालांकि पिछले रिकॉर्ड पर नजर डालें तो अबतक दिल्ली में बादल फटने की घटना नहीं घटी है.


यह भी पढ़ें: BSF में कुल कितने पद हैं खाली, पिछले पांच साल में कितनी हुई भर्ती- सरकार ने संसद में दिया ये जवाब