गिरफ्तारी के बाद क्या कोई आम इंसान भी सीधे हाईकोर्ट जा सकता है? जानें क्या हैं तुरंत सुनवाई के नियम
अगर किसी को गिरफ्तार किया जाता है तो वह कुछ परिस्थितियों में कोई व्यक्ति सीधे उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकता है. जिसके बाद हाई कोर्ट कुछ परिस्थितियों में सीधे जमानत आवेदन पर विचार कर सकता है.
General Knowledge: क्या कोई आम इंसान अपनी गिरफ्तारी के बाद सीधे हाईकोर्ट जा सकता है? दरअसल अगर किसी आम इंसान को गिरफ्तार किया जाता है तो तुरंत सुनवाई के नियम क्या हैं? इस सवाल का जवाब है कि अगर किसी आम इंसान को गिरफ्तार किया जाता है तो वह कुछ परिस्थितियों में कोई व्यक्ति सीधे उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकता है. उदाहरण के तौर पर वह संबंधित इंसान जमानत आवेदन की मदद ले सकता है. जिसके बाद हाई कोर्ट कुछ परिस्थितियों में सीधे जमानत आवेदन पर विचार कर सकता है.
इसके लिए भारतीय संविधान में क्या प्रावधान है?
दरअसल कोई भी व्यक्ति अपने मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए भारतीय संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकता है. इसके अलावा यदि किसी व्यक्ति को लगता है कि उसे गैर-जमानती अपराध के लिए गिरफ्तार किया जा सकता है, तो वह अग्रिम जमानत के लिए उच्च न्यायालय में आवेदन कर सकता है. साथ ही इसके अतिरिक्त यदि कोई व्यक्ति पुलिस जांच से असंतुष्ट है या अपराध असंज्ञेय है तो वह अदालत में निजी शिकायत दर्ज करा सकता है.
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लेकिन क्या पुलिस किसी को बिना कारण बताए गिरफ्तार सकती है? दरअसल पुलिस किसी को बिना कारण बताए गिरफ्तार नहीं कर सकती है. पुलिस को इस बात का अधिकार नहीं है. अगर पुलिस किसी को गिरफ्तार करती है या थाने में बंद करती है तो उसे कानूनी प्रक्रिया अपनानी होती है और उसे कारण बताना होता है.
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अगर पुलिस ऐसा नहीं करती है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है. भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता यानी सीआरपीसी (CRPC) की धारा 50 (1) के मुताबिक, पुलिस को गिरफ्तारी से पहले कारण बताना होगा.
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