गणतंत्र दिवस के मौके पर हर साल की तरह इस बार भी देश से सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक पद्म पुरस्कारों से हस्तियों को सम्मानित किया जाएगा. गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म पुरस्कारों का ऐलान किया गया है. लेकिन सवाल ये है कि क्या ये सम्मान पाने वाला व्यक्ति अपने नाम के आगे पद्म श्री या पद्म विभूषण लगा सकते हैं. आज हम आपको इससे जुड़ा नियम बताएंगे.


पद्म श्री के लिए नामों का ऐलान


भारत सरकार ने इस साल 2025 में 139 पद्म पुरस्कारों की मंजूरी दी है. इनमें 7 पद्म विभूषण, 19 पद्म भूषण और 113 पद्मश्री पुरस्कार शामिल हैं. बता दें कि इन नामों के ऐलान के बाद मार्च या अप्रैल महीने में राष्ट्रपति भवन में आयोजित किये जाने वाले सम्मान समारोहों में भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा पद्म पुरस्कार विजेताओं को दिया जाएगा. गौरतलब है कि देश में पद्म पुरस्कारों को तीन श्रेणियों में दिया जाता हैं, जिनमें पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री शामिल हैं. 


क्या नाम के आगे लगा सकते हैं पद्म श्री?


अब सवाल ये है कि ये पुरस्कार पाने वाले विजेता क्या नाम के आगे पद्म श्री, पद्म विभूषण लगा सकते हैं? इसका जवाब है नहीं. बता दें कि संविधान की धारा 18(1) के तहत कोई भी सैन्य उपाधि या एकेडमिक उपाधि सरकार द्वारा प्रदान नहीं की जा सकती है. यह अनुच्छेद पद्म पुरस्कारों और सैन्य रैंक और अकादमिक उपाधि के बीच में अंतर करता है. पद्म पुरस्कार सरकार द्वारा दिए जाने वाले साधारण सम्मान है, तो वहीं बाकी उपाधियां है. आसान शब्दों में कहा जाए तो सरकार उपाधियां प्रदान नहीं कर सकती हैं. यह सिर्फ पुरस्कार और सम्मान ही दे सकती हैं.


नहीं कर सकते हैं सम्मान के नाम का इस्तेमाल


बता दें कि सरकार की तरफ से दिए जाने वाले पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री एक सम्मान है. यह पुरस्कार कोई पदवी नहीं है. सरकार किसी भी नागरिक को कोई उपाधि नहीं दे सकती है. यही कारण है कि ये सम्मान पाने वाला व्यक्ति अपने नाम के आगे, पत्र शीर्षों, निमंत्रण-पत्रों, पोस्टरों, पुस्तकों आदि पर नाम के आगे या पीछे भारत रत्न,पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री जैसी किसी भी सम्मान का उल्लेख नहीं कर सकता है. क्योंकि ये सिर्फ सम्मान है, कोई उपाधि नहीं है.  


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