सन् 1947 में भारत और पाकिस्तान का बंटवारा हुआ था. उससे पहले तक पाकिस्तान भारत का ही हिस्सा था. 1947 में जब बंटवारा हुआ था तब काफी कत्लेआम मचा था. कई लोग भारत से पाकिस्तान चले गए थे. तो वही काफी मात्रा में लोग पाकिस्तान से भारत भी आए थे. एक दिन में जब किसी को अपना देश छोड़ना पड़े तो वह वहां से क्या ही ले जा सकता है. ऐसे में 1947 भारत आए काफी लोगों की संपत्ति पाकिस्तान में ही रह गई. मन में सवाल आता है कि क्यों ना वह भारतीय वहां जाकर अपनी संपत्ति बेच दें और पैसे लेकर वापस आ जाएं. लेकिन क्या वाकई ऐसा मुमकिन है? आएइ जानते हैं पूरी खबर.
क्या कहता है काूनन?
1947 में जब अंग्रेजों ने भारत और पाकिस्तान का विभाजन किया था तब भारत से लाखों की संख्या में लोग पाकिस्तान में बसे थे. तो वहीं पाकिस्तान से भी काफी तादाद में लोग भारत आए थे. पाकिस्तान छोड़कर भारत में बसे काफी लोगों की बहुत सारी संपत्ति पाकिस्तान में ही रह गई. दंगों के चलते उन्हें रातोंरात अपना सब कुछ छोड़कर भारत आना पड़ा.
पाकिस्तान में उनकी बची हुई संपत्ति के साथ क्या हुआ. दरअसल भारत हो या पाकिस्तान दोनों ही मुल्कों में जो लोग अपनी संपत्ति छोड़कर गए हैं. उसे पर सरकार ने कब्जा कर लिया है. सरकार ने ऐसी संपत्तियों को 'खाली संपत्ति' घोषित किया है. भारत में ऐसी संपत्तियों को शत्रु संपत्ति कहा जाता है.
क्या भारतीय कर सकते हैं क्लेम?
अगर 1947 में पाकिस्तान से भारत आया कोई व्यक्ति पाकिस्तान में बची हुई अपनी संपत्ति को क्लेम करना चाहता है. तो वह कर सकता है लेकिन इसकी कानूनी प्रक्रिया है जो कि पाकिस्तान के कोर्ट में होगी. इसमें तत्कालीन समय के दस्तावेज संपत्ति किसके नाम पर थी कितनी संपत्ति थी आदि जानकारी भी साबित करनी होगी.
इस सब के बावजूद भी संपत्ति वापस मिल जाए यह कहा नहीं जा सकता. क्योंकि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में ऐसे कई केस अभी भी चल रहे हैं. जहां पाकिस्तान छोड़कर भारत आए लोग और फिर वापस पाकिस्तान गए तो उनकी संपत्तियों पर कब्जा हो चुका था. संपत्ति वापस पाने के लिए अभी भी ऐसे लोग कैसे लड़ रहे हैं. लेकिन उन्हें अब तक कोई सफलता नहीं मिल पाई है.
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