क्या कंगना की तरह कुणाल कामरा को मिल सकती है Y कैटेगरी सिक्योरिटी? ये हैं नियम
Y Plus Security Rules: कंगना को साल 2020 में दी गई थी Y प्लस सिक्योरिटी. क्या कंगना की तरह कुणाल कामरा को मिल सकती है Y कैटेगरी सिक्योरिटी? क्या होते हैं इसके लिए नियम.

Y Plus Security Rules: कॉमेडियन कुणाल कामरा ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को लेकर विवादित बयान दिया था. जिसके बाद शिवसेना के समर्थकों ने कुणाल कामरा के स्टूडियो में तोड़फोड़ कर दी थी. बता दें शिवसेना के नेताओं की ओर से कुणाल कामरा के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवा दी गई है. इस मामले को लेकर मुंबई पुलिस की ओर से कुणाल कामरा को समन भी जारी किया जा चुका है.
अब इसी बीच शिवसेना नेता संजय राऊत ने कुणाल कामरा को लेकर सरकार की ओर से सुरक्षा मुहैया करवाने की बात कह दी है. उन्होंने कहा है कि कुणाल कामरा को भी वैसी ही सुरक्षा दी जाए जैसी साल 2020 में कंगना रनौत को दी गई थी. चलिए आपको बताते हैं क्या कंगना की तरह कुणाल कामरा को मिल सकती है Y कैटेगरी सिक्योरिटी? क्या होते हैं इसके लिए नियम.
कंगना को साल 2020 में दी गई थी Y प्लस सिक्योरिटी
कंगना रनौत को केंद्र सरकार की ओर से साल 2020 में Y प्लस कैटेगरी की सिक्योरिटी मुहैया करवाई गई थी. अब इसी को लेकर शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राऊत का कहना है कि कॉमेडियन कुणाल कामरा को भी वहीं सुरक्षा मुहैया करवाई जाए. आपको बता दें जब कंगना रनौत को केंद्र सरकार की ओर से सुरक्षा मोहिया करवाई गई थी. उस दौरान महाराष्ट्र में उद्धव की सरकार थी.
इसे लेकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने बताया था कि कंगना को Y प्लस कैटेगरी की सिक्योरिटी की उनके पिता की रिक्वेस्ट पर दी गई है. उन्होंने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था कि उनकी बेटी यानी कंगना रनौत को डराया धमकाया जा रहा है. अब ऐसे में सवाल आ रहा है क्या कुणाल कामरा को भी Y प्लस कैटेगरी सिक्योरिटी मिल सकती है.
यह भी पढ़ें: अंतरिक्ष में हवा में क्यों उगाए जाते हैं पौधे, बिना मिट्टी कैसे होती है इनकी ग्रोथ?
क्या हैं Y प्लस सिक्योरिटी के नियम?
आपको बता दें भारत में पांच तरह की सुरक्षा श्रेणियां होती हैं. जिनमें X,Y, Y+, Z और Z+ कैटेगरी शामिल है. अलग-अलग तथ्यों के आंकलन के बाद पर लोगों कोइ इन श्रेणी में से सुरक्षा मुहैया करवाई जाती है. Y प्लस कैटेगरी में 11 सुरक्षाकर्मी होते हैं. जिसमें दो पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर यानी पीएसओ और 4 से 6 आर्म्ड गार्ड्स होते हैं. इसमें अगर किसी व्यक्ति का कहीं मोमेंट होता है. तो सुरक्षा के लिए एक एस्कॉर्ट कार भी दी जाती है. खतरे के आंकलन के बाद ही यह सुरक्षा प्रदान की जाती है.
यह भी पढ़ें: क्या खून के अलावा और कुछ भी खाते-पीते हैं मच्छर? जान लीजिए जवाब
इसका निर्णय इंटेलिजेंस ब्यूरो या राज्य की खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के आधार पर किया जाता है. बता दें किसी सरकारी अधिकारी या नेताओं को सुरक्षा दी जाती है. तो उसका खर्च सरकार उठाती है. वहीं किसी और व्यक्ति को दी जाती है. तो उसे खुद ही इसका खर्च उठाना होता है. कुणाल कामरा के केस में बात की जाए तो अगर वह सिक्योरिटी की मांग करते हैं. तो पहले उनके खतरे का आंकलन किया जाएगा और उसके बाद ही इस पर कोई फैसला लिया जाएगा.
यह भी पढ़ें: 10 या इससे ज्यादा तीव्रता वाले भूकंप क्यों नहीं आते, अगर ऐसा हुआ तो इस 'महाभूकंप' से कितनी होगी तबाही?
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस

