आसमानी बिजली जहां भी गिरती है वहां तबाही का मंजर होता है. वहीं हवाई यात्रा को आमतौर पर सुरक्षित माना जाता है, लेकिन जब बात बिजली के आसमान में गरजने की आती है, तो यात्रियों के मन में कई सवाल उठते हैं. जैसे क्या हवाई जहाज पर भी बिजली गिर सकती है? यदि हां, तो इसके बाद क्या होगा? चलिए जान लेते हैं.


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क्या हवाई जहाज पर बिजली गिर सकती है?


जी हां, हवाई जहाज पर बिजली गिरने की घटनाएं होती हैं, लेकिन ये ज्यादातर गंभीर नहीं होतीं. आंकड़ों के अनुसार, लगभग 1,000 हवाई जहाज हर साल बिजली की चपेट में आते हैं. विमान को इस तरह से डिजाइन किया जाता है कि वो बिजली के प्रभावों को सहन कर सके. आधुनिक विमानों में एक खास धातु का ढांचा होता है, जिसे "Faraday Cage" के सिद्धांत पर आधारित बनाया जाता है. यह ढांचा बिजली के प्रवाह को विमान के अंदर नहीं आने देता, जिससे यात्रियों और पायलट सुरक्षित रहते हैं.


बिजली गिरने पर क्या होता है?


जब हवाई जहाज पर बिजली गिरती है, तो यह आमतौर पर विमान के आगे के भाग से टकराती है और उसके बाहर निकल जाती है. हवाई जहाज को बनाने में इस्तेमाल की गई सामग्री जैसे कि एल्युमिनियम और कंपोजिट्स बिजली के प्रवाह को फैलाने में मदद करते हैं. इसके अलावा विमानों के खास ग्राउंडिंग सिस्टम भी होते हैं, जो बिजली के प्रवाह को सुरक्षित रूप से जमीन तक पहुंचाते हैं.


हालांकि, यदि बिजली गिरने की घटना होती है, तो पायलटों को तुरंत स्थिति की जांच करनी होती है. विमानों के पास आधुनिक नेविगेशन और संचार उपकरण होते हैं, जो पायलटों को हर स्थिति का पता लगाने और मैनेज करने में मदद करते हैं. पिछले कुछ सालों में विमानों पर बिजली गिरने की घटनाएं बढ़ी हैं, लेकिन इससे किसी जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है.


बिजली गिरने से आखिरी बार कब हुआ था प्लेन क्रैश?


बिजली गिरने से आखिरी प्लेन हादसा साल 1963 में हुआ था. बता दें इस हादसे में क्रू सदस्यों सहित 81 लोग मारे गए थे. दरअसल 8 दिसंबर की तारीख को अमेरिका में पैन एम फ्लाइट 214 ने पोर्टो रिको के सैन जुआन से बाल्टीमोर और फिर फिलाडेलउफिया जाने के लिए उड़ान भरी थी. इसमें 73 यात्री और 8 क्रू सदस्य सवार थे. उस समय बाल्टीमोर के उत्तर में स्थित फिलाडेलफिया से एक तूफान जिसकी वजह से बिजली चमकने की घटना के होने की संभावना थी. मौसम बहुत खराब था और विमान को पायलट ने और ऊंचाई पर ले जाने का फैसला किया. हालांकि मौसम की चपेट में आने से विमान बच नहीं पाया और अचानक आसमानी बिजली से टकरा गया. विमान में आग लग गई और उसके बाएं पंख का बड़ा हिस्सा विमान से अलग होकर गिर गया. वहीं पायलट की ओर से अंतिम संदेश यही था कि क्लिपर 214 लपटों में जा रहा है.


कुछ ही सेकेंडों में विमान पूरी तरह से नष्ट हो गया और इसमें सवार सभी लोगों की मौत हो गई. इसके बाद विमानों को बिजली से सुरक्षित बनाए रखने के लिए तैयार किया जाने लगा.


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