क्या भारत में रहते हुए बांग्लादेश का चुनाव लड़ सकती हैं शेख हसीना? जान लीजिए जवाब
बांग्लादेश में अगले साल के अंत या 2026 के शुरूआत में चुनाव हो सकता है. लेकिन अब सवाल ये है कि क्या इस चुनाव में शेख हसीना भारत में रहकर लड़ सकती हैं या उनके चुनाव लड़ने पर रोक रहेगी.
बांग्लादेश में अगले साल के अंत या 2026 के शुरूआती 6 महीने में चुनाव हो सकता है. जी हां, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस ने बीते सोमवार को कहा कि आम चुनाव अगले साल के अंत में या 2026 की शुरुआत में होंगे. लेकिन अब सवाल ये है कि अगर उस समय तक शेख हसीना भारत में रहती हैं, तो क्या वो चुनाव लड़ सकती हैं?
बांग्लादेश में कब होगा चुनाव?
अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश में होने वाले चुनाव को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने राज्य टेलीविजन पर कहा कि चुनाव की तारीखें 2025 के अंत या 2026 की पहली छमाही तक तय की जा सकती हैं. यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने चुनाव आयोग से लेकर वित्तीय संस्थानों तक देश के विभिन्न क्षेत्रों में सुधार के लिए कई योजनाएं शुरू की है. हालांकि पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की अध्यक्षता वाली बीएनपी समेत प्रमुख राजनीतिक दल जल्द ही नए चुनाव चाहते हैं.
सभी राजनीतिक दलों को चुनाव का इंतजार
बता दें कि यूनुस सरकार देश के भीतर काफी आलोचना और विरोध के बावजूद चुनाव की तारीखों की घोषणा नहीं की है. ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक चुनाव की तारीखों के पीछे अपने फैसले के बारे में विस्तार से बताया है. यूनुस ने कहा कि उन्होंने सभी से बार-बार सभी प्रमुख सुधारों को पूरा करने के बाद चुनाव कराने की अपील की है। वहीं संसदीय चुनाव पर मोहम्मद यूनुस ने कहा कि अगर राजनीतिक सहमति के कारण हमें मामूली सुधारों के साथ मतदाता सूची की त्रुटिहीन तैयारी के आधार पर चुनाव कराना है, तो 2025 के अंत तक चुनाव कराना संभव हो सकता है.
शेख हसीना लड़ेगी चुनाव
गौरतलब है कि बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद से ही पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना जान बचाकर भारत भाग आई थी. अब शेख हसीना को लेकर सवाल उठ रहा है कि क्या उनकी पार्टी चुनाव लड़ेगी या क्या वो भारत में रहकर चुनाव लड़ सकती हैं? जानकारी के मुताबिक अगर बांग्लादेश में शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग को बैन नहीं किया जाएगा, तो वो चुनाव लड़ सकती हैं. लेकिन उनकी पार्टी से शेख हसीना चुनाव लड़ पाएगी, ये कहना मुश्किल है. क्योंकि अंतरिम सरकार बांग्लादेश में हुए छात्र प्रदर्शन और लोगों की मौत के लिए उन्हें जिम्मेदार मानती है. ऐसी स्थिति में अगर शेख हसीना वापस बांग्लादेश जाएगी, तो उनके ऊपर कार्रवाई होगी और जेल की सजा भी हो सकती है.
ये भी पढ़ें:किसी राज्य में सरकार गिरने पर कैसे काम करेगा वन नेशन वन इलेक्शन? जान लीजिए जवाब