क्या अंतरिक्ष का कचरा जमीन पर गिरने से किसी की मौत हो सकती है? पढ़िए क्या कहती है वैज्ञानिकों की कैलकुलेशन
पिछले 30 सालों में लॉन्च हुए सैटेलाइट के डेटा के अनुसार, अगले कुछ सालों में इनके गिरने की घटनाएं बहुत बढ़ जाएंगी. आइए जानते हैं इस बारे में वैज्ञानिकों का क्या कहना है.
Trash In Space: पृथ्वी पर तो कचरा है ही, साथ ही अंतरिक्ष में भी काफी कचरा है. स्पेस में सैटेलाइट, स्पेसक्राफ्ट, रॉकेट, बैटरी और टेक्नोलॉजी के पुराने टुकड़े आदि कचरे के रूप में हैं. पृथ्वी से स्पेस में लॉन्च होने के एक समय बाद ये कचरे का रूप ले लेते हैं. क्या आप जानते हैं हर रोज अंतरिक्ष से कचरा धरती की तरफ आता है? तो क्या कभी ऐसा हो सकता है कि स्पेस से कचरा जमीन पर गिरे और किसी की जान ले ले? वैज्ञानिकों ने इसकी गणना की है कि क्या अंतरिक्ष के कचरे की टक्कर से किसी की मौत हो सकती है. आइए जानते हैं वैज्ञानिकों का इसपर क्या कहना है.
हर समय गिरता रहता है अंतरिक्ष से कचरा
अंतरिक्ष से गिरने वाले कचरे से कई बार इमारते चटकी, कांच की खिड़कियां टूटी. लेकिन, स्पेस से गिरने वाला ये कचरा अभी तक किसी भी इंसान की मौत का कारण नहीं बना है. हालांकि, लोग घायल हुए जरूर हुए और संपत्ति को भी नुकसान हुआ. आइए जानते हैं वैज्ञानिकों की गणना क्या कहती है कि अंतरिक्ष से गिरने वाले कचरे से इंसानों की मौत होने की कितनी आशंका है.
इन शहरों को है सबसे ज्यादा खतरा
दरअसल, धरती से लगातार सैटेलाइट छोड़े जाते हैं, जो पुराने और बेकार होकर धरती पर गिरते रहते हैं. इसीलिए वैज्ञानिकों ने इस कचरे से इंसान की मौत होने की गणना की है. इसपर हुई एक स्टडी Nature Astronomy जर्नल में प्रकाशित हुई थी. स्टडी के मुताबिक, अब स्पेस से आने वाला आर्टिफिशियल कचरा इंसानों के लिए खतरा है. क्योंकि, इसमें रॉकेट के स्टेजेस हैं.
इन शहरों को है ज्यादा खतरा
पिछले 30 सालों में लॉन्च हुए सैटेलाइट के डेटा के अनुसार, अगले कुछ सालों में इनके गिरने की घटनाएं बहुत बढ़ जाएंगी. संभव है कि इसमें लोगों की मौत भी हो. सबसे ज्यादा खतरा अमेरिका के न्यूयॉर्क, चीन के बीजिंग, इंडोनेशिया के जकार्ता, बांग्लादेश के ढाका, नाइजीरिया के लागोस और रूस के मॉस्को शहरों को है.
आने वाले 10 साल बाद बढ़ेंगे हादसे
आने वाले 10 सालों में स्पेस से वायुमंडल पार करके धरती पर गिरने वाले रॉकेटों की संख्या में तुलनात्मक रूप से बढ़ोत्तरी होने वाली है. उसके बाद हर दशक में स्पेस से आने वाले कचरे से कम से कम संख्या से 10 प्रतिशत लोगों की मौत होने का अनुमान है. हालांकि, अभी ऐसा नहीं है, लेकिन आने वाले एक दशक में ऐसी स्थिति बन जाएगी.
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