क्या CBI की क्लोजर रिपोर्ट को चुनौती दे सकता है सुशांत सिंह राजपूत का परिवार, कहां करनी होती है अपील, क्या है नियम?
सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट में माना है कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत सुसाइड थी, उन्हें किसी ने मजबूर नहीं किया था. इस मामले में सीबीआई ने किसी तरह की षड्यंत्र से भी इंकार किया है.

Sushant Singh Rajput Case: बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत केस में सीबीआई ने अदालत में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी है. सीबीआई की ओर से इस रिपोर्ट में सुशांत सिंह राजपूत की मौत की वजह सुसाइड को ही बताया गया है. बता दें, एम्स की टीम ने भी अपनी रिपोर्ट में भी सुशांत सिंह राजपूत की मौत सुसाइड को ही माना था. अब सवाल यह है कि क्लोजर रिपोर्ट क्या होती है? क्या अदालत इसके आधार पर फैसला सुना सकती है? क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने के बाद इसे चुनौती कहां दी जा सकती है? आइए इसके नियमों के बारे में जानते हैं.
बता दें, एक्टर सुशांत सिंह राजपूत 14 जून, 2020 को बांद्रा में अपने घर में मृत पाए गए थे. शुरुआत में यह मामला आत्महत्या का लगा था, लेकिन जैसे-जैसे यह मामला आगे बढ़ा, इसमें कई एंगल निकलकर सामने आए, जिसके बाद मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी.
सीबीआई ने क्लोजर रिपोर्ट में क्या-क्या कहा?
सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट में माना है कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत सुसाइड थी, उन्हें किसी ने मजबूर नहीं किया था. इस मामले में सीबीआई ने किसी तरह की षड्यंत्र से भी इंकार किया है, साथ ही यह भी कहा है कि सुशांत सिंह राजपूत के सोशल मीडिया चैट्स के साथ भी किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं की गई थी.
क्या होती है क्लोजर रिपोर्ट?
किसी मामले में जांच कर रही एजेंसी (पुलिस या सीबीआई) की जांच जब पूरी हो जाती है और अधिकारियों को लगता है कि मामले में जांच के लिए पर्याप्त सबूत नहीं बचे हैं तो मजिस्ट्रेट के सामने रिपोर्ट दाखिल की जाती है, जिसे क्लोजर रिपोर्ट कहा जाता है. सीआरपीसी की धारा 169 के तहत इस रिपोर्ट का जिक्र किया गया है. इस रिपोर्ट में जांच एजेंसी सबूतों और पूछताछ के आधार पर मिले निष्कर्षों का जिक्र करती है और किसी वारदात के पीछे की वजह को उजागर करती है.
क्या क्लोजर रिपोर्ट के आधार पर होता है फैसला
जब भी कोई जांच एजेंसी किसी मामले में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करती है तो मजिस्ट्रेट या संबंधित न्यायालय उस रिपोर्ट पर विचार करता है, जिसके बाद उसे खारिज या स्वीकार किया जा सकता है. क्लोजर रिपोर्ट के आधार पर अदालत फैसला भी सुना सकती है. अगर यह रिपोर्ट खारिज की जाती है तो अदालत आगे की जांच के आदेश भी दे सकते हैं.
क्या क्लोजर रिपोर्ट को दी जा सकती है चुनौती?
अब सवाल है कि क्या सुंशांत सिंह राजपूत का परिवार सीबीआई की ओर से दाखिल क्लोजर रिपोर्ट को चुनौती दे सकता है? कानून के मुताबिक, किसी भी क्लोजर रिपोर्ट को चुनौती दी जा सकती है. अगर पीड़ित या उसके परिवार को लगता है कि इस मामले में कुछ सबूतों पर ध्यान नहीं दिया गया है तो सुशांत सिंह राजपूत का परिवार प्रोटेस्ट पिटीशन भी दाखिल कर सकता है. बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में साफ किया था कि सीआरपीसी की धारा 173(8) के तहत आगे की जांच के लिए क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार करने वाले आदेश पर पुनर्विचार करना या उसे वापस लिया जाना आवश्यक नहीं है.
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