क्या बिना अमेरिका की नजरों में आए आतंकी बना सकते हैं परमाणु हथियार? जानें ये कितना मुमकिन
दुनियाभर में मौजूद आतंकियों के पास आज के वक्त कई खतरनाक हथियार मौजूद हैं. लेकिन क्या आतंकी कभी अमेरिका से बचकर परमाणु हथियार हासिल कर सकते हैं? जानिए क्या ये मुमकिन है.
दुनियाभर में आज सिर्फ 9 देशों के पास परमाणु हथियार है. इसमें से एक देश भारत भी है. भारत ने अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री रहते हुए पोखरण की भूमि पर 11 मई 1998 को परमाणु परीक्षण II का सफल परीक्षण किया था. लेकिन क्या आपके मन में कभी ये सवाल आता है कि क्या अमेरिका से बचकर कोई देश परमाणु हथियार बना सकते हैं. आज हम आपको इसका जवाब देंगे.
किन देशों के पास परमाणु हथियार ?
अब सवाल ये है कि किन देशों के पास परमाणु हथियार है. बता दें कि अमेरिका, रूस, इंग्लैंड, फ्रांस, चीन, भारत, पाकिस्तान, उत्तर कोरिया और इजराइल के पास अभी सिर्फ परमाणु हथियार है. इसमें सबसे ज्यादा परमाणु हथियार रूस और अमेरिका के पास है. दरअसल दुनियाभर में कुल 12,121 परमाणु हथियार हैं. जिसमें रूस के पास 5580 परमाणु हथियार है, वहीं अमेरिका के पास 5044 परमाणु हथियार है.
क्या आतंकी बना सकते हैं परमाणु हथियार
क्या आप भी ये सोचते हैं कि अमेरिका से बचकर आतंकी परमाणु हथियार बना सकते हैं. इसका जवाब है नहीं. दरअसल आतंकियों के पास इतनी तकनीक और वैज्ञानिक क्षमता नहीं है कि वो परमाणु हथियार बना सके. वहीं अगर आतंकियों को परमाणु हथियार बनाने का सूत्र और वैज्ञानिक मिलते हैं, तो भी वो अमेरिका से नहीं बच सकते हैं. क्योंकि अमेरिका सैटेलाइट के जरिए सभी देशों पर नजर रखता है. अगर अमेरिका को कहीं से भी परमाणु हथियार बनाने का पता चलता है, तो अमेरिका तुरंत एयर स्ट्राइक समेत कई एक्शन लेते हुए कार्रवाई करेगा.
अमेरिका रखता है नजर
अमेरिका दुनियाभर के सभी देशों पर नजर रखता है. इसके लिए अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए के एजेंसी हर देश में फैले हुए हैं. सिर्फ अमेरिका ही नहीं रूस,चीन,भारत, पाकिस्तान सभी देशों के एजेंसी खुफिया इस तरीके से काम करते हैं. इसके अलावा अमेरिका दुनियाभर पर सैटेलाइट से नजर रखता है. अगर कोई भी देश परमाणु हथियार समेत कोई बड़ी मिसाइल बनाता है, अमेरिका को पता चल जाता है. अमेरिका दुनिया का पहला Foo Fighter सैटेलाइट लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है. ये सैटेलाइट दुनियाभर के देशों में बनने वाली हाइपरसोनिक मिसाइलों पर नजर रखेगा. ये अमेरिकी स्पेस फोर्स का मिसाइल ट्रैकिंग स्पेसक्राफ्ट होगा. जिससे अमेरिका को सभी देशों में बनने वाली मिसाइलों की जानकारी मिल जाएगी.
इस संधि के कारण बाकी देश नहीं बना सकते परमाणु हथियार
बता दें कि दुनियाभर में जापान, ऑस्ट्रेलिया समेत कई ऐसे देश हैं, जो काफी शक्तिशाली हैं. लेकिन इन देशों के पास भी न्यूक्लियर हथियार नहीं हैं. दरअसल इसके पीछे न्यूक्लियर नॉन-प्रोलिफेरेशन ट्रीटी(NPT) है. बता दें कि दुनिया को परमाणु हथियारों के खतरे से बचाने के लिए इस संधि को 1968 में अपनाया गया था और 1970 में यह लागू हुई थी. अब तक इस संधि पर 190 देशों ने हस्ताक्षर किया है. भारत और पाकिस्तान ने इस संधि पर हस्ताक्षर नहीं किया था, इसलिए वो अमेरिका से छिपते हुए सफल परमाणु परीक्षण कर पाए थे.
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