देश में वेज और नॉनवेज खाने वाले दोनों तरह के लोग हैं. लेकिन आपने सुना होगा कि नॉन वेज खाने वाले लोग कड़कनाथ मुर्गे को खूब पसंद करते हैं. वहीं इन मुर्गों की कम संख्या होने के कारण इनका दाम भी बाकी मुर्गों से कई गुना ज्यादा होता है. लेकिन कई बार सोशल मीडिया पर दावा किया जाता है कि कड़कनाथ मुर्गे का खून पीने से ताकत बढ़ती है. आज हम आपको बताएंगे कि क्या सच में लोग कड़कनाथ मुर्गे का खून पीते हैं. 


कड़कनाथ


नॉनवेज के शौकीन लोग कड़कनाथ मुर्गा खाना सबसे ज्यादा पसंद करते हैं. हालांकि कड़कनाथ मुर्गा का चिकन काफी महंगा होता है, इसलिए ये हर जगह नहीं मिलता है. लेकिन कड़कनाथ मुर्गा में विटामिन और प्रोटीन का खजाना होता है. हालांकि कड़कनाथ मुर्गे को लेकर कई अन्य तरह का दावा भी किया जाता है, जिसमें इस मुर्गे का खून पीना भी शामिल है. 


कड़कनाथ की खासियत


बता दें कि कड़कनाथ में आयरन कंटेंट अधिक होने के कारण ही यह मुर्गा दूसरी मुर्गा प्रजातियों से ज्यादा स्वादिष्ट, पौष्टिक, सेहतमंद और कई गुणों से भरपूर होता है. कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक कड़कनाथ में 25 प्रतिशत प्रोटीन है, वहीं बाकी मुर्गों में 18-20 फीसदी प्रोटीन ही पाया जाता है. फेट और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा भी कड़कनाथ में कम होती है.


इम्यूनिटी बूस्टर है कड़कनाथ 


कड़कनाथ के शरीर का रंग काला होता है, यहां तक कि इसका खून भी काला होता है. माना जाता है कि कड़कनाथ मुर्गा खाने वाले व्यक्ति में खून की कमी नहीं होती है. इसमें कोलेस्ट्राल भी न के बराबर होता है. इसके अलावा इसमें प्रोटीन की मात्रा काफी अधिक होती है. इस मुर्गी का मांस और हड्डियां पूरा काला होता है. यह गर्म तासीर का होता है. जिसके चलते हीमोग्लोबिन की मात्रा भी अधिक पाई जाती है. नॉनवेज खाने वाले कई मरीजों के लिए ये रामबाण है.


कड़कनाथ का खून कौन पीता


कड़कनाथ का खून काला होता है. कई बार सोशल मीडिया पर कहा जाता है कि लोग कड़कनाथ का खून भी पीते हैं. जानकारी के मुताबिक कड़कनाथ का खून हर कोई नहीं पीता है, कुछ खास प्रजाति ही इसका सेवन करती है. आदिम जनजाति मस्तिष्क और तंत्रिका रोगों को ठीक करने के लिए कड़कनाथ मुर्गे के रक्त से बनी दवा पीते हैं.


पिगमेंट के कारण रंग काला


बता दें कि कड़कनाथ मुर्गे का रंग, खून और मांस पिगमेंट के कारण काला होता है. इसकी हड्डियों और मांस का रंग भी काला होता है. इसकी वजह यह कि इंसान के बालों में जो पिगमेंट होता है, वह कड़कनाथ मुर्गे में भी पाया जाता है.


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