क्या अमेरिका से खरीदे गए फाइटर जेट जंग में उसी के खिलाफ इस्तेमाल हो सकते हैं?
अगर भारत ने अमेरिका से कोई फाइटर जेट खरीदा है तो क्या युद्ध में अमेरिका के खिलाफ संबंधित फाइटर जेट का इस्तेमाल कर सकता है?
Fighter Jets: आपने अक्सर सुना होगा कि भारत ने अमेरिका, फ्रांस या रूस से फाइटर जेट खरीदा है, लेकिन क्या इन विमानों को निर्यात करने वाले देशों के खिलाफ फाइटर जेट का इस्तेमाल युद्ध में किया जा सकता है? उदाहरण के तौर पर अगर भारत ने अमेरिका से कोई फाइटर जेट खरीदा है तो क्या युद्ध में अमेरिका के खिलाफ संबंधित फाइटर जेट का इस्तेमाल कर सकता है?
अमेरिका से खरीदे गए फाइटर जेट जंग में उसी के खिलाफ इस्तेमाल हो सकते हैं
दरअसल इस सवाल का जवाब हां है... अगर भारत ने अमेरिका से कोई फाइटर जेट खरीदा है तो क्या युद्ध में अमेरिका के खिलाफ संबंधित फाइटर जेट का इस्तेमाल कर सकता है. ऐसी कोई गाइडलाइंस नहीं है कि जिसके तहत भारत संबंधित फाइटर जेट का इस्तेमाल अमेरिका के खिलाफ नहीं कर सकता है. बताते चलें कि अमेरिका भारत समेत अन्य देशों को अनेक लड़ाकू विमान बेचता है. जिसमें एफ-15 ईगल, एफ-16 फाइटिंग फाल्कन, एफ-22 रैप्टर और एफ-35ए लाइटनिंग II शामिल हैं.
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अगर कोई देश ऐसा करता है तो अमेरिका के पास क्या विकल्प बच जाता है?
अमेरिकी फाइटर जेट हवाई श्रेष्ठता हासिल करने और उसे बनाए रखने के अलावा हवा से हवा और हवा से जमीन दोनों मिशनों को अंजाम देने में माहिर होते हैं, लेकिन अब सवाल है कि अगर कोई देश अमेरिकी फाइटर जेट का इस्तेमाल उसी के खिलाफ कर रहा है तो संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के पास क्या विकल्प रह जाता है?
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दरअसल ऐसे में अमेरिका के निर्यात नियम अन्य देशों को बेचे जाने वाले विमानों की क्षमता को सीमित करते हैं. उदाहरण के लिए अमेरिका अन्य देशों से ऐसे समझौतों पर हस्ताक्षर करने की मांग कर सकता है जो उनकी सामरिक स्वायत्तता पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं.
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