क्या किसी भी जमीन पर दावा कर सकता है वक्फ बोर्ड? जानिए इसको लेकर क्या है कानून
प्रयागराज कुंभ में वक्फ की जमीन होने का मौलाना शहाबुद्दीन ने दावा किया था. जिस पर योगी आदित्यनाथ ने कहा ऐसी बात कोई भू-माफिया ही कर सकता है. क्या सच में वक्फ कहीं पर भी जमीन का दावा कर सकता है?
उत्तर-प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने वक्फ बोर्ड को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि ऐसी बातें कोई भू-माफिया ही कर सकता है. उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड को भू माफिया बोर्ड मत बनाइए, उसे वक्फ बोर्ड ही रहने दीजिए. बता दें कि हाल ही में मौलाना शहाबुद्दीन बरेलवी ने दावा किया था कि प्रयागराज में होने वाला महाकुंभ वक्फ की जमीन पर हो रहा है. लेकिन सवाल ये है क्या वक्फ बोर्ड कहीं पर भी जमीन कब्जा कर सकता है? जानिए इसको लेकर क्या कहता है नियम.
वक्फ बोर्ड का क्या है काम?
अब सवाल ये है कि वक्फ बोर्ड का काम क्या है? बता दें कि वक्फ एक्ट वक्फ संपत्तियों और धार्मिक संस्थानों के प्रबंधन के लिए बनाया गया कानून है. बता दें कि वक्फ एक अरबी शब्द है, जिसका मतलब रोकना या समर्पण करना है. वक्फ इस्लाम में उस संपत्ति को कहते हैं, जो धार्मिक और चैरिटेबल उद्देश्य से दान की जाती है. इसका इस्तेमाल धार्मिक कामकाज, गरीबों की मदद, शिक्षा आदि के लिए किया जाता है. वहीं वक्फ के बेहतर प्रशासन और केंद्रीय वक्फ परिषद की स्थापना के लिए वक्फ अधिनियम, 1995 लाया गया था.
क्या किसी भी जमीन पर हो सकता है वक्फ बोर्ड का नाम?
बता दें कि वक्फ बोर्ड पर अक्सर आरोप लगता है कि वो दूसरों की संपत्ति को मनमाने ढंग से अपना करार देता है. दरअसल वक्फ अधिनियम 1995 की धारा 40 के मुताबिक राज्य वक्फ बोर्ड किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित कर सकता है. बशर्ते उनके पास इसके लिए कोई ठोस वजह होनी चाहिए. ऐसे मामलों में बोर्ड उस संपत्ति के तत्कालीन मालिक को नोटिस भेजता है. वहीं उस जमीन पर विवाद होने पर बोर्ड की ओर से ही मामले की जांच की जाती है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बदला नियम
गौरतलब है कि पहले केवल नोटिस भेजने भर से ही जमीन पर बोर्ड का हक हो जाता था. लेकिन मई 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि किसी भी संपत्ति को वक्फ घोषित करने के लिए केवल अधिसूचना जारी करना काफी नहीं है. इसके लिए वैधानिक प्रक्रिया को पूरा करना आवश्यक है, जिसमें दो सर्वे, विवादों का निपटारा और राज्य सरकार और वक्फ को एक रिपोर्ट जमा करना शामिल है. बता दें कि वक्फ एक्ट 1995 में 2013 के संशोधन के मुताबिक जमीन के मालिकाना हक पर वक्फ बोर्ड का फैसला अंतिम माने जाने का प्रावधान है. वहीं वक्फ बोर्ड के फैसले को रद्द या संशोधित करने की ताकत केवल ट्रिब्यूनल के पास है. हालांकि ट्रिब्यूनल में कौन शामिल होंगा, इसका फैसला राज्य सरकार करती है.
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