भारत में कई लोग नियम के विरुद्ध चलने पर चालान कटवा बैठते हैं, तो वहीं कई लोगों को ट्रैफिक नियमों की जानकारी ही नहीं होती. कई लोग तो चालान कटने के डर से ट्रैफिक पुलिस से बचनेे के अलग-अलग हथकंडे अपनाते हैं. कई बार तो लोग अपनी बाइक पैदल धकेलने लगते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अपनी बाइक को धक्का देकर या खींचकर ले जा रहे व्यक्ति का चालान कट सकता हैै या नहीं? यदि नहीं तो चलिए जानते हैं.ॉ


बाइक खींचकर ले जा रहे व्यक्ति का कटता है चालान?
नियमों के अनुसार पुलिस बाइक को खींचकर ले जा रहे व्यक्ति का चालान नहीं काट सकती है. यातयात नियम 1988 के अनुसार अगर कोई व्यक्ति दो पहिया वाहन पैदल चलकर ले जा रहा है तो ट्रैफिक पुलिस वाले उसका चालान नहीं काट सकती है अगर वो ऐसा करते हैं तो यह नियम विरुद्ध होगा.


क्या है मोटर व्हीकल एक्ट
मोटर वाहन अधिनियम 1988 सड़क किनारे को नियंत्रित करने और यह सुनिश्चित करने के लिए पेश किया गया था कि वाहन मालिक स्वामित्व और विनियमों का पालन कर रहे हैं या नहीं. इसके अलावा इस अधिनियम को 1939 के मोटर वाहन अधिनियम को बदलने के लिए बनाया गया था.


भारतीय मोटर वाहन अधिनियम सड़क परिवहन, मोटर वाहन, मोटर वाहन समुदाय के रजिस्टर और लाइसेंस से संबंधित सभी नियम और कानून शामिल हैं. इसके अलावा इसमें वाहन बीमा और अन्य क्लासिकल के प्रोविजन भी शामिल हैं. 


कब लागूू हुआ कानून?
1 जुलाई 1989 को लागूू हुए इस कानून के अनुसार, भारतीय सड़कों पर गाड़ी चलाने वाले किसी भी व्यक्ति के पास ड्राइविंग लाइसेंस होना अनिवार्य है. साथ ही सड़क परिवहन नियमों का पालन करना भी अनिवार्य माना गया है. इस अधिनियम में साल 2019 में संशोधन भी किया गया है.                                                                                                         


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