Train ticket transfer: कई बार रेल की टिकट परिवार में किसी और व्यक्ति के नाम से बुक होती है, लेकिन किसी वजह से उसकी यात्रा ना हो कर घर का कोई और सदस्य उस टिकट पर यात्रा करना चाहता है, ऐसे में वह क्या कर सकता है और इसका क्या नियम है? नियम की बात करें तो आप अपने भाई के टिकट पर आराम से यात्रा कर सकते हैं, बशर्ते कि आपको रेलवे के कायदे-कानून का पता होना चाहिए.
अब सवाल है कि काउंटर टिकट या ई-टिकट में से किस पर कोई व्यक्ति अपने भाई की टिकट पर यात्रा कर सकता है? रेलवे के अनुसार, आप दोनों तरह की टिकट पर ऐसा कर सकते हैं. हालांकि, इसके लिए कुछ शर्तें हैं, जिनका पालन करके आप भाई की टिकट पर यात्रा कर सकते हैं. आइए जानते हैं...
कौन बदलवा सकता है नाम
यात्रा करने से पहले यात्री को टिकट पर नाम बदलवाना होगा. नाम बदलवाने या अपना नाम दर्ज कराने का अधिकार सिर्फ परिवार के ही किसी व्यक्ति को मिलेगा. यानी नाम बदलवाने के लिए आप दोनों का खून का रिश्ता होना जरूरी है. जैसे कि माता-पिता, भाई-बहन, पति-पत्नी या बच्चों के नाम से टिकट है तो आप उसे अपने नाम से करा सकते हैं. गौरतलब है कि अगर टिकट स्त्री के नाम से है, तो परिवार की कोई स्त्री ही नाम बदलवाकर यात्रा कर सकती है. इसी प्रकार से पुरुषों के मामले में भी यही बात रहेगी.
स्त्री अगर बहन हो तो...
अगर बहन की शादी हो गई है तो वह अपने घर की किसी महिला के नाम से टिकट पर यात्रा नहीं कर सकती है. यह नियम सिर्फ परिवार के अंदर के लोगों पर लागू होता है. वहीं, अगर बहन की शादी नहीं हुई है और टिकट उसकी दूसरी बहन के नाम से बुक है तो ऐसे में वह नाम बदलवाकर यात्रा कर सकती है.
कौन करेगा नया टिकट जारी?
आपके पास चाहे काउंटर टिकट हो या फिर ई-टिकट, दोनों ही परिस्थितियों में आपको अपने नजदीकी रिजर्वेशन काउंटर पर जाकर चीफ रिजर्वेशन अफसर से मिलना पड़ेगा और साथ में जरूरी दस्तावेज भी लाने होंगे. ये अफसर ही नाम बदलकर आपके नाम से एक टिकट जारी करेंगे.
कब तक बदलवा सकते हैं नाम?
इस नियम की जानकारी होने पर टिकट बेकार होने से बच जाता है. आज के समय में, जब टिकट कैंसिल कराने पर मोटा पैसा कट जाता है तो यह नियम और भी महत्वपूर्ण हो गया है. गौर तलब है कि अगर आप अपना टिकट अपने भाई या परिवार के किसी और सदस्य के नाम पर ट्रांसफर कराना चाहते हैं तो यह काम आपको ट्रेन खुलने से 24 घंटे पहले-पहले करना होगा. इसके बाद अगर आप टिकट ट्रांसफर करना चाहेंगे तो वो नहीं होगा और आपका टिकट वेस्ट हो जायेगा.
एक और जरूरी बात यह भी है कि टिकट सिर्फ एक ही बात ट्रांसफर हो सकती है. अगर आपने टिकट अपने भाई के या परिवार के किसी और सदस्य के नाम ट्रांसफर कर दिया तो इसके बाद वह दोबारा ट्रांसफर नहीं हो पाएगा. इसलिए समय रहते निर्णय करके ये काम करा चाहिए.
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