अधिकांश पर्यटक जब देश-विदेश घूमने जाते हैं, तो वहां से अक्सर कुछ यादगार चीजें लेकर आते हैं. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे आइलैंड के बारे में बताने वाले हैं, जहां पर सरकार ने ही पर्यटकों को याद के तौर पत्थर लेकर जाने के लिए मना कर दिया है. इतना ही नहीं ऐसा करते हुए पाए जाने पर जुर्माना के तौर पर 2 लाख रुपये भी लिया जाएगा. जानिए आखिर सरकार ने ऐसा फैसला क्यों किया है.
पत्थर लेकर जाना जुर्म
न्यूयॉर्क पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक कैनेरी आइलैंड में लैनजारोट और फ्यूरटेवेंटुरा जाने वाले पर्यटकों के लिए के लिए एक चेतावनी जारी की है. दरअसल यहां हर साल गर्मियों में हजारों की संख्या में पर्यटक आते हैं. इतना ही नहीं यहां पर पर्यटक कई-कई दिनों तक रहते हैं. लेकिन जब वे जाते हैं तो याद के तौर पर यहां के कंकड़ और पत्थर उठाकर ले जाते हैं. इसके अलावा कुछ लोग इस बीच से रेत भी भरकर लेकर जाते हैं, ताकि उन्हें यादों में सजा सकें. इससे आइलैंड पर कंकड़ों की भारी कमी हो गई है. इसके अलावा आइलैंड की खूबसूरती पर भी असर पड़ रहा है. पर्यटकों की स्मृति चिन्ह एकत्र करने की यह आदत द्वीपों के पारिस्थितिकी तंत्र पर बहुत खराब असर डाल रही है. इसलिए सरकार ने ये फैसला लिया है.
कई टन पत्थर गायब
आइलैंड के अफसरों का कहना है कि लैनजारोट द्वीप के समुद्र तटों से करीब एक टन ज्वालामुखी सामग्री हर साल पर्यटक उठा लेकर जाते हैं. इसी तरह फ्यूरटेवेंटुरा के प्रसिद्ध “पॉपकॉर्न बीच” से हर महीने एक टन रेत टूरिस्ट अपने साथ ले जाते हैं. कई बार मिट्टी, पत्थर और चट्टानों को जब्त किया गया, लेकिन टूरिस्टों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. लेकिन पहली बार इस तरह सख्ती करने का फैसला लिया गया है. अधिकारियों के मुताबिक अगर कोई समुद्र तटों से चट्टानें, पत्थर और मिट्टी चुनने की कोशिश करेगा, तो उस पर 13,478 रुपये से लेकर 2.69 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.
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