आज के वक्त अधिकांश लोग हवाई जहाज से सफर करना पसंद करते हैं. क्योंकि हवाई जहाज से लंबी दूरी का सफर कुछ ही घंटों में पूरा हो जाता है. लेकिन रेलवे की तुलना में हवाई का टिकट भी काफी महंगा होता है. लेकिन हम आपको एक ऐसे एविएशन कंपनी के बारे में बताएंगे कि जो एक समय पर सिर्फ 1 रुपये में यात्रियों को हवाई की यात्रा कराता था. जी हां सिर्फ एक रुपये में लाखों यात्रियों ने हवाई जहाज की यात्रा की थी. जानिए इस एविएशन कंपनी की शुरूआत कैसे हुई थी.
कैप्टन गोपीनाथ
एविएशन इंडस्ट्री को लेकर जानकारी रखने वाले सभी लोग कैप्टन गोपीनाथ के नाम से वाकिफ होंगे. क्योंकि उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत के दम पर लाखों भारतवासियों को मात्र एक रुपये में हवाई सफर कराया था. कैप्टन गोपीनाथ का पूरा नाम गोरुर रामास्वामी अयंगर गोपीनाथ है. उनका जन्म 13 नवंबर 1951 को कर्नाटक के हासन जिले के एक छोटे से गांव गोरुर में हुआ था.
डेक्कन एविएशन
कैप्टन गोपीनाथ ने साल 1997 में एक निजी कंपनी डेक्कन एविएशन के तौर पर हेलिकॉप्टर सेवा शुरू की थी. उनकी कंपनी का कहना था कि मैप पर कोई भी जगह दिखाइए, हम आपको वहां तक पहुंचाएंगे. उनका उद्देश्य वीआईपी लोगों के लिए चार्टर्ड हेलीकॉप्टर की सेवा को उपलब्ध कराना था. साल 2000 में कैप्टन गोपीनाथ अमेरिका में छुट्टियां मनाने के दौरान उन्हें भारत में सस्ती विमान सेवा शुरू करने का ख्याल आया था.
बता दें कि लंबे संघर्षों के बाद अगस्त 2003 में कैप्टन गोपीनाथ ने 48 सीटों और दो इंजन वाले छह फिक्स्ड-विंग टर्बोप्रॉप हवाई जहाजों के बेड़े के साथ एयर डेक्कन की स्थापना की थी. कंपनी ने जल्दी लोकप्रियता बटोर ली थी और साल 2007 में देश के 67 हवाईअड्डों से एक दिन में इस कंपनी की 380 उड़ान उड़ती थी. जब कंपनी शुरू हुई थी, उस वक्त रोज केवल 2000 लोग कंपनी के विमानों में सफर करते थे. लेकिन 2007 आते-आते हर रोज 25000 लोग सस्ती कीमत पर हवाई सफर करने लगे थे. कंपनी ने एक रुपये के टिकट पर करीब तीस लाख लोगों को हवाई सफर कराया था. इसके लिए पहले बुकिंग करने वाले यात्रियों को सिर्फ 1 रुपये में टिकट मिलता था.
कैसे बंद हुई कंपनी
जानकारी के मुताबिक धीरे-धीरे वक्त गुजरा और एयर डेक्कन घाटे में चली गई थी. अक्टूबर 2007 में एयर डेक्कन का नाम बदलकर सिंप्लीफ्लाई डेक्कन हो गया थी. वहीं अप्रैल 2008 में कैप्टन गोपीनाथ ने एयर डेक्कन को शराब कारोबारी विजय माल्या की कंपनी किंगफिशर को बेच दिया था. विजय माल्या किंगफिशर एयरलाइन्स के भी मालिक थे, इस तरह सिंप्लीफ्लाई डेक्कन किंगफिशर एयरलाइन्स में मर्ज हो गई थी. विजय माल्या ने अगस्त 2008 में एयर डेक्कन को नया नाम किंगफिशर रेड रखा था. हालांकि 2011 आने तक विजय माल्या ने कंपनी को बंद कर दिया था.
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