दुनिया में आज के वक्त ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री काफी तरक्की कर चुकी है. यहीं कारण है कि कई नए तरह के फीचर्स और अपडेट वर्जन में गाड़ियां लॉन्च हो रही है. लेकिन आप सभी लोगों ने एक चीज का ध्यान दिया होगा कि सस्ती या महंगी किसी भी कार की पिछली लाइट का रंग लाल होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि पिछली लाइट का रंग लाल ही क्यों होता है. क्यों किसी और रंग का नहीं होता है. आज हम आपको इसके पीछे की वजह बताएंगे.
कई रंग की होती है एलईडी लाइट्स
कार में कई रंग के एलईडी लाइट्स का उपयोग होता है. इसमें अलग-अलग लाइट का काम अलग है. जैसे कार में लगी कुछ रोशनी नॉर्मल अर्लट के लिए होती है. कई लाइट्स का इस्तेमाल इमरजेंसी के लिए किया जाता है. इसके अलावा कुछ लाइट सामने से आने वाले व्यक्तियों के लिए होती है. पिछली लाल रंग की लाइट पीछे से आने वाली गाड़ियों के लिए होता है.
लाल रंग के पीछे का कारण
बता दें कि गाड़ी के पीछे रेड लाइट के कलर होने से पीछे से आ रही गाड़ियों को संकेत मिलता है. लाइट जलने के साथ ही पीछे वाली गाड़ियां से समझ जाती हैं कि गाड़ी स्लो करना है. वहीं इस सिग्नल के कारण ही गाड़ियां अलर्ट हो जाती है और अगर उनकी कार की स्पीड तेज होती है तो वो स्लो भी कर लेते हैं.
दूर से दिखता है लाल रंग
बता दें कि लाल रंग दूर से ही दिख जाता है. यही कारण है कि गाड़ी के पीछे लाल रंग की लाइट, ट्रेन को रूकने के लिए सिग्नल पर रेड लाइट, फ्लाइट के लिए लाल रंग का इस्तेमाल होता है. लाल रंग दूर से दिखने कारण ही हर जगह पर वार्निंग का साइन हमेशा लाल रंग में होता है. जिससे दिन,रात और कोहरे,बरसात में व्यक्ति को दूर से वार्निंग सिग्नल दिख जाता है. वार्निंग सिग्नल दिखने के कारण ही लोग सावधान हो पाते हैं.
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