किसी भी बच्चे का जब जन्म होता है, तो कई बार उसके शरीर पर कोई दाग या निशान होता है. बता दें कि जन्म के समय जब शरीर के किसी हिस्से या अंग पर कोई दाग या निशान होता है, उसे उसे बर्थमार्क कहते हैं. ये बर्थमार्क अक्सर भूरे से काले या नीले रंग का होता है. ये बर्थमार्क शरीर के किसी भी हिस्से पर हो सकता है. लेकिन कई बार आपने भी ये सुना होगा कि बर्थमार्क का पिछले जन्म से कोई ना कोई रिश्ता होता है. आज हम आपको बताएंगे कि इसके पीछे कितनी सच्चाई है.
बर्थमार्क क्यों होते हैं ?
बच्चों के पैदा होने के साथ ही अधिकतर बर्थमार्क अपने आप ही बन जाते हैं. बता दें कि इनका संबंध किसी मेडिकल कंडीशन या प्रेग्नेंसी में मां की किसी दिक्कतों की वजह से नहीं होता है. वहीं बर्थमार्क से कोई नुकसान नहीं होता है, हालांकि देखने को मिलता है कि कुछ लोगों का इसकी वजह से आत्मविश्वास कम हो जाता है.
बर्थमार्क के प्रकार
वस्कुलर बर्थमार्क: बता दें कि जब रक्त वाहिकाएं ठीक तरह से नहीं बनती हैं, तो स्किन के उस हिस्से पर वस्कुलर बर्थमार्क बन जाता है.
• मैकुलर स्टेन: इसके अलावा वस्कुलर बर्थमार्क में मैकुलर स्टेन भी आता है. यह माथे, नाक, पलकों या गर्दन के पीछे हल्के लाल रंग के पैच की तरह होता है. बता दें कि कैपिलरीज के चौड़े होने की वजह से ये बनते हैं.
• हेमंगिओमा: वहीं शरीर के किसी हिस्से पर तिल जब बड़ा होता है, तो वह हेमंगिओमा की तरह दिखता है. ये स्किन की ऊपरी सतह या गहराई में हो सकता है, ये लाल रंग के होते हैं.
• पोर्ट विन स्टेन: इस स्थिति में स्किन पर वाइन के कलर का दाग होता है. स्किन की अंदरूनी सतह की रक्त वाहिका में असामान्य ब्लीडिंग हो जाती है.
पिछले जन्म से कोई रिश्ता
अक्सर बर्थमार्क को लेकर कहा जाता है कि उसका पिछले जन्म से कोई रिश्ता होता है. हालांकि किसी भी रिसर्च में इस बात का दावा नहीं किया गया है कि बर्थमार्क का पिछले जन्म से कोई रिश्ता होता है. कुछ लोग शरीर के अलग-अलग अंग पर होने वाले बर्थमार्क का मतलब भी निकालते हैं. उदाहरण के तौर पर आपकी पीठ पर कोई निशान है, तो कहा जाता है कि आप ईमानदार और खुले विचारों वाले इंसान हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. एबीपी न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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