Difference Between CBI And CID: आपने सीबीआई और सीआईडी का नाम तो सुना ही होगा. ज्यादातर इन्हे संगीन, पेचीदा या फिर गोपनीय स्तर वाले आपराधिक मामले सौंपे जाते हैं. CBI और CID दो अलग-अलग एजेंसियां हैं और दोनों का काम भी अलग-अलग होता है. बहुत से लोग इन दोनों को लेकर कंफ्यूज रहते हैं. उन्हें यह भी मालूम नहीं होता है कि आखिर इन दोनों का काम क्या होता है? इसी कन्फ्यूजन को दूर करने के लिए हमने इस खबर में इन दोनों के काम और इनके बीच के अंतर को बताया है.
क्या है सीबीआई?
CBI के बारे में अक्सर चर्चा होती रहती है. सीबीआई, यानी सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन एक केंद्रीय एजेंसी है, जो भारत सरकार के ऑर्डर पर देश के किसी भी कोने में जांच कर सकती है. ये मुख्य रूप से भ्रष्टाचार, हत्या और घोटालों के मामलों की जांच करती है. सीबीआई की स्थापना साल 1963 में हुई थी.
क्या है सीआईडी?
CID, यानी क्राइम इन्वेस्टिंगेशन डिपार्टमेंट की स्थापना साल 1902 में ब्रिटिश राज के दौरान हुई थी. हर राज्य की अलग-अलग सीआईडी पुलिस होती है. राज्य सरकार के आदेश पर यह अपहरण, हत्या, चोरी और दंगों से जुड़े मामलों की जांच करती है. इसके अलावा हाईकोर्ट के आदेश पर भी राज्य सरकार को सीआईडी से किसी मामले की जांच करानी पड़ जाती है.
दोनों में अंतर
यहां तक आपको समझ आ गया होगा कि दोनों का काम क्या होता है और ये किसके अंडर में काम करती हैं. आइए अब 5 प्वाइंट में इनके बीच के अंतर को भी समझ लेते हैं-
- CBI का वर्कफील्ड पूरा देश होता है, यानी केंद्र सरकार या सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआई पूरे देश में जांच कर सकती है.
- CID राज्य सरकार की जांच एजेंसी है, इसलिए यह मामले की जांच सिर्फ उस राज्य के अंदर ही कर सकती है.
- CBI पर केंद्र सरकार का कंट्रोल होता है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर यह किसी भी मामले की जांच किसी भी देश में कर सकती है.
- CBI के पास जो मामले आते हैं, उन्हें केंद्र सरकार या फिर सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट इसे सौंपते हैं.
- CID को मिलने वाले मामले राज्य सरकार या हाईकोर्ट की ओर से सौंपे जाते हैं.
यह भी पढ़ें - क्या जेल की सजा में दिन और रात अलग-अलग गिने जाते है, 14 साल की सजा 7 साल में पूरी हो जाती है?