शादियों का सीजन आते ही हर्ष फायरिंग के मामले भी बढ़ जाते हैं. भले ही हर्ष फायरिंग पर रोक है और पुलिस ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई करती है, इसके बावजूद हर साल हर्ष फायरिंग के कई मामले सामने आते हैं, जिसमें कई लोगों की मौत तक हो जाती है. हाल ही में नोएडा में ऐसा ही मामला सामने आया है. यहां हर्ष फायरिंग की घटना में एक मासूम की मौत हो गई, जिसके बाद पुलिस ने घटना में इस्तेमाल पिस्तौल को बरामद कर लिया है.
अब सवाल यह है कि अगर हर्ष फायरिंग मामले में क्या कार्रवाई होती है. अगर हर्ष फायरिंग करते वक्त किसी को गोली लग जाए तो क्या हत्या का केस भी चल सकता है? इस मामले में कानून क्या है? हर्ष फायरिंग मामले में अन्य किन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाता है.
क्या होती है हर्ष फायरिंग
बता दें, शादी, बारात या किसी अन्य शुभ कार्यों में लोग फायरिंग करते हैं, जिसे हर्ष फायरिंग कहा जाता है. अमेरिका समेत कुछ देशों में हर्ष फायरिंग आम है, लेकिन भारत में इसको लेकर कानून है और हर्ष फायरिंग पर रोक लगी हुई है. ऐसे में अगर आप हर्ष फायरिंग करते हैं, तो आपको कानून का सामना करना पड़ सकता है.
कई धाराओं में दर्ज होता है मुकदमा
हर्ष फायरिंग के मामले में सबसे पहले आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जाता है. पुलिस सबसे पहले यह देखती है कि फायरिंग किस हथियार से की गई, वह हथियार वैध है या अवैध. अवैध हथियार के प्रयोग पर कड़ी सजा का प्रावधान है. वहीं वैध हथियार से भी फायरिंग होती है, तो हथियार का लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई भी की जा सकती है.
क्या मौत होने पर चलता है हत्या का मुकदमा
हर्ष फायरिंग मामले में अगर किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाती है. पुलिस ऐसे व्यक्ति के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कर सकती है. पहले आईपीसी की धारा 304 के तहत मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाती है. हालांकि, अब भारतीय न्याय संहिता के तहत ऐसे मामले में कार्रवाई की जाती है.
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