Censor Board Certificate: फिल्म निर्माण और रिलीज के मामले में बॉलीवुड दुनिया का सबसे बड़ा फिल्म उद्योग है. यहां 20 से भी ज्यादा भाषाओं में हर साल करीब 1500 से 2000 फिल्में रिलीज होती है. आप भी थिएटर, मल्टीप्लेक्स वगैरह में कोई फिल्म देखने जाते होंगे या फिर टीवी और मोबाइल वगैरह पर फिल्म देखते होंगे. यह तो सभी जानते हैं कि जब भी कोई फिल्म शुरू होती है तो शुरुआत में एक सर्टिफिकेट जैसा कुछ दिखता है. जैसा कि ऊपर तस्वीर में भी आप देख पा रहे होंगे. फिल्म की शुरुआत में यह सर्टिफिकेट लगभग 8 से 10 सेकेंड के लिए स्क्रीन पर दिखाई देता है. 


शुरुआत में इसको देखकर लोगों के मन में कई सवाल भी आते हैं, लेकिन ज्यादातर लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं. इसे देखकर लोगों के मन में सवाल तो उठता है कि आखिर यह सर्टिफिकेट क्यों दिखाया जाता है? एक और बात जो आपने नोटिस की होगी वह है कि इसपर कुछ कोड भी लिखे होते हैं. जिसे देखकर हर किसी के मन में यह सवाल आता है कि आखिर इनका मतलब क्या होता है? अगर आपको भी इन सवालों का जवाब जानना है तो पढ़िए इस आर्टिकल को...


सेंसर बोर्ड जारी करता है ये सर्टिफिकेट
फिल्मों के सर्टिफिकेशन के लिए सरकार ने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड बना रखा है, जिसे आम भाषा में लोग सेंसर बोर्ड के नाम से भी जानते हैं.  फिल्म के बनकर तैयार होने के बाद इस बोर्ड के सदस्य फिल्म देखते हैं और फिर उसे अलग-अलग कैटेगरी में रखते हुए यह सर्टिफिकेट जारी करते हैं. गौरतलब है कि इस सर्टिफिकेट के बिना फिल्म रिलीज ही नहीं हो सकती है.


सर्टिफिकेट में होती हैं ये सब डिटेल्स
इस सर्टिफिकेट में कई तरह की जानकारियां लिखी होती हैं. जैसे कि फिल्म का नाम क्या है, फिल्म की लंबाई या कहें फिल्म कितने घंटे की है और कितने रील की है. अगर बोर्ड को लगता है कि फिल्म के किसी आपत्तिजनक सीन को हटाना है तो इस बारे में भी लिखा होता है. सेंसर बोर्ड इस सर्टिफिकेट को 'अ', 'अव', 'व', और 'एस' कैटगरी में जारी करता है. अब आइए इनका मतलब भी जान लेते हैं.


सर्टिफिकेट में लिखे कोड का मतलब


अगर 'अ' लिखा हुआ है
फिल्म के सर्टिफिकेट में अगर 'अ' लिखा हुआ होता है तो इसका मतलब है कि यह फिल्म बच्चे से लेकर बड़े तक कोई भी देख सकता है. यह सर्टिफिकेट ज्यादातर धार्मिक और पारिवारिक फिल्मों को दिया जाता है. 


अगर 'अव' लिखा हुआ है
फिल्म के सर्टिफिकेट पर अगर 'अव' लिखा हो तो इसका मतलब होता है कि 12 साल से कम उम्र के बच्चे अपने माता-पिता के साथ ही यह फिल्म देख सकते हैं.


अगर 'व' लिखा हुआ है
अगर किसी फिल्म के सर्टिफिकेट पर 'व' लिखा है तो इसका मतलब ये है कि वो फिल्म सिर्फ व्यस्कों यानी 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए है और इससे कम उम्र वालों को यह फिल्म नहीं देखनी चाहिए. 


ऐसी फिल्में जो किसी खास ऑडियंस को ध्‍यान में रखकर बनाई गई होती हैं, उनके सर्टिफिकेट पर 'एस' लिखा होता है. अमूमन ऐसी फिल्में साइंटिस्ट या फिर डॉक्टर आदि के लिए बनीं हुई होती है.


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