अगला हफ्ता भारतीय साइंस जगत के लिए बेहद खास होने वाला है. दरअसल, भारत का अहम अंतरिक्ष मिशन चंद्रयान-3 चांद की जमीन पर उतरने वाला है. बताया जा रहा है चंद्रयान 21-23 अगस्त के बीच चांद की जमीन पर लैंड करेगा और इतिहास के पन्नों में अपना स्वर्णिम नाम शामिल करेगा. ये भारत के लिए इकलौता अहम मिशन है, लेकिन क्या आप जानते हैं इस तरह के मिशन से वहां 'ट्रैफिक जाम' जैसे हालात हैं. हुआ क्या है कि जिस तरह भारत ने अपना मिशन भेजा है, वैसे ही कई देशों ने भेजा है और चांद की ऑर्बिट में दूसरे देशों के भी कई मिशन हैं, जो जल्द ही चांद की धरती पर लैंड करने जा रहे हैं.


ऐसे में जानते हैं कि चंद्रयान के अलावा अभी लाइन में कितने मिशन हैं, जो जल्द ही चांद पर लैंड करने का रहे हैं. इसके बाद आप समझ पाएंगे कि अब अंतरिक्ष में भी किस तरह भीड़ रहने लगी है और अंतरिक्ष का माहौल कैसा है? 


इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, चांद की ऑर्बिट में अभी 6 एक्टिव मिशन हैं और कई अन्य प्रोजेक्ट्स लाइन पर है. चंद्रयान के अलावा जो मिशन हैं, उनकी बात करें तो अभी चांद की ऑर्बिट में नासा का लुनर रीकॉनिसन्स ऑर्बिटर (Nasa's Lunar Reconnaissance Orbiter, LRO), नासा के ARTEMIS के तहत दो और मिशन, कोरिया पाथफाइंडर लूनर ऑर्बिटर (Korea Pathfinder Lunar Orbiter) और नासा का कैस्टोन शामिल है. चंद्रयान के अलावा ये मिशन अभी चांद की ऑर्बिट में हैं. 


बता दें कि नासा के लुनर रीकॉनिसन्स ऑर्बिटर को 2009 में लॉन्च किया गया था और उसके जरिए चांद के सरफेस का मैप पता करने की कोशिश की जा रही है. इसके अलावा ARTEMIS के P1 और P2 मिशन जून 2022 से लूनर ऑर्बिट में हैं. इसके साथ ही नासा का कैपस्टोन NRH ऑर्बिट में है. 


इसके साथ ही अब जल्द ही रूस का लूना 25 मिशन लॉन्च हो गया है, जो 16 अगस्त को चांद की ऑर्बिट में प्रवेश कर सकता है. इसके जरिए चांद के साउथ पोल को एक्सप्लोर किया जाएगा और ये भी चंद्रयान के कुछ समय बाद ही चांद पर लैंड करेगा. मून मिशन की बढ़ती संख्या के साथ चांद वैज्ञानिक खोज का केंद्र बनता जा रहा है. हालांकि, ज्यादा मिशन से आपसी टकराव से बचने जैसी चुनौतियां भी बढ़ती जा रही है. 


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