भारत का अहम मिशन चंद्रयान जल्द ही चांद की जमीन पर इतिहास रचने वाला है. ये इतिहास सिर्फ भारत के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए ये एक रिकॉर्ड साबित होने वाला है. दरअसल, भारत का चंद्रयान, चांद पर जिस जगह पर उतरेगा वहां आज तक दुनिया का कोई भी देश नहीं पहुंच पाया है. अगर ये मिशन सफल होता है तो भारत ऐसा करने वाला पहले देश है, जो चांद की इस जगह तक पहुंच गया है. ऐसे में सवाल है कि आखिर चांद की ये जगह कहां है और किस वजह से इसे चांद की अन्य धरती के मुकाबले खास माना जाता है. 


तो जानते हैं चांद की इस जमीन से जुड़ी हर एक बात, जहां भारत का मिशन उतरने वाला है. इसके साथ ही जानते हैं कि आखिर इस जमीन में क्या अलग है और जब रोवर प्रज्ञान यहां उतरेगा तो किस तरह का डेटा कलेक्ट करेगा... 


किस जमीन की बात हो रही है?


चांद की जिस जमीन पर भारत का चंद्रयान-3 लैंड करने वाला है, उस जगह का नाम है साउथ पोल.  ये वो जगह है, जो अभी तक एक्सप्लोर नहीं की गई है. वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के हिसाब से अगर चंद्रयान की लैंडिंग सफल हो जाती है तो यहां उतरने वाला भारत पहला देश बन गया है. इससे पहले रूस का लूना-25 भी यहां ही लैंड करने वाला था, लेकिन रविवार को इसकी लैंडिंग सफल नहीं पाई. अब रूस के रेस से बाहर होने के बाद भारत के पास ये इतिहास रचने का मौका है. 


चांद की जमीन में इसे कई मुश्किल चुनौतियों के लिए जाना जाता है. दरअसल, यहां कई उबड़-खाबड़ और जोखिम भरे इलाके हैं और ज्यादा अंधेरा होने की वजह से यहां किसी भी मिशन को लैंडिंग करने में दिक्कत होती है. इसके अलावा जब लूनर नाइट होती है तो यहां का तापमान -230 डिग्री तक गिर जाता है, जिस वजह से ये चांद के दुर्लभ इलाकों में से एक है. लेकिन, भौगोलिक रूप से खतरनाक प्लेस मिनरल्स की नजर से काफी अच्छी जगह है और यहां काफी मिनरल्स पाए जा सकते हैं.


ये जगह विज्ञान में रूचि रखने वालों के लिए हमेशा से रहस्‍य रहा है. इस जगह में पानी होने की बात भी कही जाती है और चांद का ये दक्षिणी बिंदु अन्य जमीन से काफी अलग है. बता दें कि भारत के चंद्रयान का भी ये ही लक्ष्य है कि प्रज्ञान वहां के मिनरल्स की ज्यादा से ज्यादा जानकारी जुटाए और पृथ्वी पर भेजे. इससे चांद के निर्माण, सौर मंडल से जुड़ी कई जानकारी सामने आ सकती हैं. अब चंद्रयान का यहां उतरना भारत और दुनिया के सामने कई जानकारी लाने जैसा होगा. 


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