Magnetic Hill in Chhattisgarh: दुनिया की जगहें रहस्य और रोमांच से भरी हुई हैं. आपने लद्दाख की इस मैग्नेटिक हिल के बारे में जरूर सुना होगा जहां गाड़ियां अपने आप चढ़ाई की ओर चलने लगती हैं. लद्दाख की ये मैगनेटिक हिल पूरी दुनिया में मशहूर है. दुनियाभर से सैलानी यहां की खूबसूरती और इस रहस्यमई जगह को देखने आते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ ऐसा ही नज़ारा छत्तीसगढ़ राज्य में भी देखने को मिलता है. जी हां, छत्तीसगढ़ में भी एक ऐसी ही जगह है जहां बंद गाड़ियां खुद-ब-खुद चढ़ाई वाले हिस्से पर आगे बढ़ती हैं. आइए जानते हैं इस अनोखी जगह के बारे में. यह भी जानेंगे कि वहां ऐसा क्यों होता है और स्थानीय लोगों का इसपर क्या कहना है? पढ़िए इस आर्टिकल को...
कहां है ये जगह?
लद्दाख के मैग्नेटिक हिल जैसा ही एक पहाड़ छत्तीसगढ़ में भी है. भास्कर की एक रिपोर्ट के अनुसार, यहां बंद गांडिया अपने आप चढ़ाई की ओर चलने लगती हैं. यह हिस्सा कवर्धा जिले के एक पहाड़ी पर बने रास्ते में पड़ता है. बिना ड्राइवर के बंद कार को ऊपर की तरफ बढ़ते देखना सभी को रोमांचित कर देता है. छत्तीसगढ़ का कवर्धा जिला मैकल पहाड़ से घिरा हुआ है. यहीं पर पंडरिया ब्लॉक का देवानपटपर गांव एक पहाड़ी पर स्थित है. लगभग 3 किलोमीटर की चढ़ाई के बाद यह हिस्सा आता है. यहां तक पहुंचने के लिए एक संकरी सड़क है जो लगभग आधी ठीक-ठाक है. हालांकि, रविवार के दिन यहां बहुत से लोग पिकनिक मनाने आते हैं, लेकिन अभी भी ज्यादा लोगों ने इस जगह को एक्सप्लोर नहीं किया है.
स्थानीय लोग करिश्मा मानते हैं
देवानपटपर गांव एक आदिवासी गांव है. यहां बैगा आदिवासी रहते हैं. आदिवासियों में इस घटना को दैवीय शक्ति का असर माना जाता है. आदिवासी जंगल और पहाड़ को देवता की तरह पूजते हैं. उनका मानना है कि देवता की शक्ति के असर से ही लोहे की बड़ी-बड़ी गाड़ियां यहां चढ़ाई वाले हिस्से पर अपने आप चढ़ने लगती हैं.
5 साल पहले ऐसे चला पता
स्थानीय निवासी बताते हैं कि इस रहस्य का पता तकरीबन 5 साल पहले तब चला, जब एक शख्स यहां अपनी कार लेकर पहुंचा. वह कार रोककर गाड़ी से उतरा और उसने नोटिस किया कि उसकी गाड़ी अपने आप ऊपर की ओर जा रही है. इसके बाद यह खबर आस-पास के इलाकों में फैल गई. अब स्थानीय लोग इसे चुंबकीय शक्ति मानकर यहां अपनी गाड़ियां लेकर पहुंच जाते हैं और गाड़ी को चढ़ाई पर जाता देख रोमांचित होते हैं.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
रायपुर के भू-वैज्ञानिक निनाद बोधनकर ने कार के ऊपर जाने को लेकर उन्होंने बताया कि ऐसी जगहों पर मैग्नेटिक असर के बहुत कम चांस हैं. चूंकि आस-पास पहाड़ भी हैं तो इस जगह के ले-आउट में एक ऑप्टिकल भ्रम (आंखों को होने वा धोखा) हो सकता है. ऐसे मामलों में देखने में जो हिस्सा चढ़ाई की तरह लगता है वो असल में ढलान होता है.
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