Fish Farming benefit: मछली पालन यदि सही ढंग से किया जाए तो बेहतर कारोबार है. इस एक तालाब को संभालकर ही व्यक्ति महीने में लाखों रुपये कमा सकता है. हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में काफी लोग मतस्य पालन से जुड़ रहे हैं. लाखों रुपये की कमाई भी कर रही है. राज्य सरकारें भी मछली पालन को बढ़ावा देने और प्रति व्यक्ति आय बढ़ाने के लिए सब्सिडी देती हैं. छत्तीसगढ़ गवर्नमेंट ने भी किसानों के लिए ऐसी ही बेहतरीन योजना लांच की है. 


छत्तीसगढ़ में 10 साल की लीज पर मिलेगा तालाब
छत्तीसगढ़ सरकार ने मछली पालको ंके हित में कदम उठाया है. स्टेट गवर्नमेंट ने मछली पालन नीति में बड़ा बदलाव किया है. पहले मछली पालन के लिए तालाब और जलाशयों को नीलाम कर दिया जाता था. लेकिन अब मछली पालकों को तालाब और जलाशयों को 10 साल की लीज पर दिया जाएगा. एक बार लीज पर लेने पर मछली पालन करने वालों की 10 साल की टेंशन खत्म हो जाएगी. स्टेट गवर्नमेंट के अधिकारियों का कहना है कि इससे मछली पालन करने वाले बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं. नीलामी में तालाब न लेने पर मछली पालन में लागत कम हो जाएगी. 


इनको मिलेगी प्राथमिकता
योजना के तहत लाभ पाने वालों की सरकार ने प्राथमिकता भी तय कर दी है. पटटों के आवंटन में ढीमर, निषाद, केवट, कहार, कहरा, मल्लाह के मछुआ समूह और मतस्य सहकारी समिति को प्राथमिकता दी जाएगी. इसके अलावा एससी, एसटी के मछुआ समूहों और मतस्य सहकारी समिति को इस योजना का लाभ दिया जाएगा. 


8 से 10 लाख रुपये सालाना कर सकते हैं कमाई
जानकारों का कहना है कि मछली पालन में मछलियों के स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाता है. उनको फीडिंग सही ढंग से हो रही है या नहीं? यह भी देखा जाता है. मछलियों में किसी तरह की बीमारी तो नहीं हो गई. इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखकर मछली पालन बेहतर किया जा सकता है. मछली पालन करने वाले एक साल में दो बार लाभ ले सकते हैं. 1 एकड मछली पालन के माध्यम से 16 से 20 साल तक मछली पैदा की जा सकती है. इससे कमाई होने का आंकडा भी 8 से 10 लाख रुपये तक होता है. कम लागत और बढ़िया मुनापफे के चलते देश के ग्रामीण क्षेत्रों में मछली पालन एक लोकप्रिय व्यवसाय के तौर पर उभरकर सामने आया है. उधर, केंद्र सरकार की योजना केंद्र सरकार भी प्रधानमंत्री मतस्य संपदा योजना के तहत मछली पालकों को 60 प्रतिशत सब्सिडी देती है. 


 



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