दुनियाभर में लाखों प्रजाति के जीव-जंतु पाए जाते हैं. इन सभी जीवों की अपनी कुछ खासियत भी होती है, जिसके कारण इनको जाना जाता है. आज हम आपको एक ऐसे पक्षी के बारे में बताएंगे, जिसकी मेमोरी इंसानों की तरह तेजी होती है.
पक्षी
पक्षियों की सुंदरता से इंसान सबसे अधिक आकर्षित होते हैं. लेकिन सभी पक्षियों की अपनी कुछ खासियत होती है, जिसके कारण लोग उन्हें जानते हैं. इसमें उनकी सुंदरता, बोली और मेमोरी शामिल है. इतना ही नहीं कुछ पक्षी इतनी सुंदर होती हैं कि वो सबका मनमोह लेती हैं. लेकिन आज हम जिस पक्षी के बारे में बता रहे हैं, वो अपने दिमाग के लिए जानी जाती हैं.
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चिकैडी पक्षी
बता दें कि छोटी सी और काले-सफेद रंग में दिखने वाली इस पक्षी का नाम चिकैडी पक्षी हैं. बता दें कि उत्तरी अमेरिका में रहने वाले ये छोटे पक्षी अपनी याद्दाश्त के लिए पूरी दुनिया में मशहूर हैं. दरअसल कड़ाके की ठंड से बचने के लिए चिकैडी को यह याद रखना होता है कि उन्होंने हजारों जगह पर अपना भोजन कहां छिपाया है. अब आप सोच रहे होंगे कि छोटे से दिमाग वाली ये पक्षी इतना सब कुछ याद कैसे रखती है.
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क्या कहता है रिसर्च
इस पक्षी के दिमाग के ऊपर रिसर्च की गई है. कोलंबिया यूनिवर्सिटी की जुकरमैन इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिको ने इस बारे में रिसर्च करके पाया है कि चिकैडी के पास एक सीक्रेट याद्दाश्त कोड होता है. वैज्ञानिकों ने बताया कि जब हम यह याद करते हैं कि हमने अपनी गाड़ी किसी बड़े पार्किंग एरिया में कहां पार्क की है, तो हम लेवल, सेक्शन, और यहां तक कि पेड़ और दीवार को लैंडमार्कं के रूप में याद रखते हैं. वैसे ही चिकैडी भी ऐसा ही करते हैं, लेकिन वे ऐसा ज्यादा ही जटिल और बेहतर तरह से करते हैं
बता दें कि सेल जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक चिकैडी के दिमाग में हर खाने की जगह के लिए खास न्यूरल गतिविधि होती है. ये बिल्कुल बारकोड की तरह होती है. शोधकर्ताओं का कहना है कि हर याद्दाश्त दिमाग के हिप्पोकैम्पस में एक खास तरह कि गतिविधि के पैटर्न से जुड़ जाती है. शोधकर्ताओं ने बताया कि ये पैटर्न बारकोड की तरह हैं, क्योंकि ये निजी याद्दाश्त के बहुत ही खास तरह के लेबल होते हैं. बारकोड की तरह दो अलग-अलग चीज या जगह की याद की जानकारी एक दूसरे के पास रहने के बावजूद अलग तरह से पहचानी जाती है.
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कहां छिपाते हैं भोजन
चिकैडी अपना भोजन जब कहीं छिपाते है, उनके दिमाग की याद्दाश्त का केंद्र कहे जाने वाले हिप्पोकैम्पस के 7 फीसदी न्यूरॉन खास तरीके से याद बनाते हैं. जब चिकैडी को उस जगह को याद करने की जरूरत होती है, वहीं खास तरह का पैटर्न फिर से उभरता है. यह बिल्कुल याद्दाश्त के स्कैनर की तरह काम करता है.
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