इन दिनों देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया चंद्रचूड़ के आवास पर गणपति पूजा में पहुंचने को लेकर खासी चर्चाएं हो रही हैं. पीएम मोदी की सीजेआई के घर गणेश पूजा की करने की तस्वीरें सामने आने के बाद से ही देश में सियासत तेज हो गई है. दरअसल सीजेआई एक ऐसा पद होता है जिससे निरपक्ष होकर हर केस का सही फैसला देने की उम्मीदें होती हैं. यही वजह है कि पीएम मोदी के उनके घर पहुंचने को लेकर सवाल उठ रहे हैं. हालांकि कई लोगों के मन में सीजेआई के पद को लेकर कई अन्य सवाल भी होते हैं. जैसे कि सीजेआई की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी बहुत बड़ी होती होगी, ऐसे में देश के सीजेआई को कौन सी सुरक्षा दी जाती है? चलिए आज हम इस आर्टिकल में इस सवाल का जवाब जानते हैं.
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सीजेआई को मिलती है किस कैटेगरी की सुरक्षा?
अपने प्रतिष्ठित पद के कारण मुख्य न्यायाधीश को आमतौर पर Z या Z+ श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की जाती है. न्यायाधीशों की सुरक्षा उनके कार्यकाल के दौरान कभी भी कम नहीं की जाती, जब तक कि ऐसा करने के लिए कोई खास कारण न हो. उनके पास अपनी सुरक्षा सीमा तय करने या उसका आंकलन करने का अधिकार भी होता है और वो इसे बढ़ा या घटा भी सकते हैं.
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वीआईपी सुरक्षा के लिए कौन सी एजेंसियां जिम्मेदार होती हैं?
वीआईपी को अलग-अलग श्रेणियों की सुरक्षा प्रदान करने की जिम्मेदारी विभिन्न एजेंसियों की होती है, जैसे SPG (विशेष सुरक्षा समूह), NSG (राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड), ITBP (भारत-तिब्बत सीमा पुलिस) और CRPF(केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल)। 'जेड+' श्रेणी की सुरक्षा बहुत ही खास व्यक्तियों/नेताओं/खिलाड़ियों और फिल्मी सितारों को दी जाती है. एनएसजी बड़े पैमाने पर वीआईपी और वीवीआईपी को 'जेड प्लस' श्रेणी की सुरक्षा देता है. कई एनएसजी कमांडो विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) के तहत प्रधानमंत्री की सुरक्षा भी करते हैं.
बता दें एनएसजी देश का सबसे ज्यादा प्रशिक्षित सुरक्षा बल है, जो उच्च खतरे की आशंका वाले व्यक्तियों को सुरक्षा प्रदान करता है. लेकिन पिछले कुछ सालों में जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा चाहने वालों की संख्या में वृद्धि हो रही है. इसी के चलते एनएसजी का बोझ कम करने के लिए सीआईएसएफ कर्मियों को भी शामिल किया गया है. ये कहा जा सकता है कि सीआईएसएफ पर वीवीआईपी सुरक्षा का कार्यभार दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है.
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