भारत समेत दुनिया के सभी देश शिक्षा को बढ़ावा दे रहे हैं. लेकिन आज भी भारत के कई राज्य ऐसे हैं, जहां पर बच्चों से बाल मजदूरी कराई जा रही है. बाल मजदूरी की सबसे बड़ी वजह गरीबी है, जिसके कारण बच्चों को मजदूरी करना पड़ता है. सरकार लगातार बाल मजदूरी को रोकने का प्रयास कर रही है, लेकिन गरीबी के कारण अभी भी बच्चे मजदूरी करने के लिए मजबूर हैं. आज बाल श्रम निषेध दिवस के दिन हम आपको बताएंगे कि किस राज्य में सबसे ज्यादा बाल मजदूरी कराई जाती है.   


एंटी चाइल्ड लेबर डे


आज यानी 12 जून के दिन हर साल बाल श्रम निषेध दिवस यानी एंटी चाइल्ड लेबर डे मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य बाल श्रम को रोकना और खत्म करना है. बता दें कि इस दिवस की शुरुआत साल 2002 में 14 साल से कम उम्र के बच्चों को बाल मजदूरी से निकालकर शिक्षा दिलाने के उद्देश्य से 'द इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन' ने की थी. हालांकि अभी भी कई राज्यों में स्थिति ऐसी है कि वहां पर बच्चे शिक्षा ना पाकर मजदूरी करने के लिए मजबूर हैं. सरकार अपने तरफ से लगातार बाल मजदूरी को रोकने के लिए काम कर रही है, लेकिन अभी तक ये पूरे तरीके से खत्म नहीं हो पाया है. 


किस राज्य में सबसे ज्यादा बाल श्रम ?


अब सवाल ये है कि किस राज्य से सबसे ज्यादा बाल श्रम के आंकड़ें आते हैं. बता दें कि भारत में बाल श्रम को लेकर स्पष्ट आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं. लेकिन साल 2011 की जनगणना के मुताबिक भारत में 5-14 आयु वर्ग के एक करोड़ से भी ज्यादा बच्चे बाल श्रम की दलदल में धकेले गए हैं. अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन की एक रिपोर्ट के मुताबिक पूरी दुनिया में लगभग 15.2 करोड़ बच्चे बाल श्रम के लिए मजबूर हैं. इनकी संख्या घटने की जगह बढ़ती जा रही है. 


बता दें कि भारत में मजदूरी करने वाले बच्चों में एक बड़ी संख्या ग्रामीण इलाकों से ताल्लुक रखती है. आंकड़ों के मुताबिक लगभग 80 प्रतिशत बाल मजदूरी की जड़ें ग्रामीण इलाकों में ही फैली हैं. वहीं देश में 2011 के आधार पर सेक्टर आधारित बाल मजदूरी पर नजर डालेंगे तो बच्चों की सबसे बड़ी आबादी यानी 32.9 फीसदी (33 लाख) खेती से जुड़े कामों में लगी है, जबकि 26 फीसदी (26.30 लाख) बच्चे खेतीहर मजदूर हैं.


जानकारी के मुताबिक भारत में बाल मजदूरों का सबसे ज्यादा संख्या 5 राज्यों में है. जिसमें उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में हैं. यहां बाल मजदूरों की कुल संख्या लगभग 55 प्रतिशत है. सबसे ज्यादा बाल मजदूर उत्तर प्रदेश और बिहार से हैं. उत्तर प्रदेश में 21.5 फीसदी यानी 21.80 लाख और बिहार में 10.7 फीसदी यानी 10.9 लाख बाल मजदूर हैं. राजस्थान में 8.5 लाख बाल मजदूर हैं.


किस देश में सबसे ज्यादा बाल मजदूर


भारत के अलावा दुनिया के किस देश में सबसे ज्यादा बाल मजदूरी है?  बता दें कि पूरी दुनिया में बाल मजदूरों की सबसे ज्यादा संख्या अफ्रीका में है. अफ्रीका में 7.21 करोड़ बच्चे बाल श्रम की कैद में हैं, जबकि एशिया-पैसेफिक में 6.21 करोड़ बच्चे बाल मजदूरी कर रहे हैं. दुनिया के सबसे विकसित कहे जाने वाले देश अमेरिका में बाल मजूदरों की संख्या एक करोड़ के पार है.


बाल श्रम की सजा?


कोई भी व्यक्ति अगर 14 साल से छोटे बच्चे से अगर काम कराता है, तो उसके खिलाफ बाल श्रम के खिलाफ महत्वपूर्ण कानूनों में भारतीय दंड संहिता 1860, बंधुआ श्रम प्रणाली (उन्मूलन) अधिनियम 1976, बाल श्रम (निषेध और विनियमन) अधिनियम, 1986, किशोर न्याय (देखभाल और संरक्षण) अधिनियम 2000 के तहत कार्रवाई हो सकती है. वहीं 14 वर्ष से कम आयु या 14 से 18 वर्ष की आयु के बीच के बच्चे को किसी खतरनाक व्यवसाय या प्रक्रिया में नियोजित करता है, तो उसे एक से छह महीने के बीच जेल की सजा या 20,000 से 50,000 के बीच जुर्माना या दोनों सजा हो सकती है.


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