Children's Day 2024: अपनी आखिरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्यों भड़क गए थे नेहरू, गुस्से में क्यों कहा था- मैं इतनी जल्दी मरने नहीं जा रहा
पंडित नेहरु वैसे तो शांत और हसमुख स्वभाव के थे, लेकिन अपनी आखिरी प्रेस कॉन्फेंस में वो खासा भड़क गए थे. ऐसे में चलिए इसकी वजह जानते हैं और इस दौरान उन्होंने क्या कहा था ये जानते हैं.
Children's Day 2024: हर साल 14 नवंबर को भारत में बाल दिवस मनाया जाता है, ये भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की जयंती भी है. इस दिन बच्चों प्यार दिया जाता है और उनके लिए तरह-तरह के प्रोग्राम होते हैं. नेहरु बच्चों से बहुत प्यार करते थे, वो कहीं भी बच्चों को देखते तो उनके साथ बच्चे बन जाते. शांत और हसमुख स्वभाव के नेहरु सार्वजनिक रूप से कम ही गुस्सा होते नजर आते थे. लेकिन नेहरू जी ने अपनी आखिरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में गुस्से में यह कहा था, "मैं इतनी जल्दी मरने नहीं जा रहा हूं”. नेहरु इस प्रेस कॉन्फेंस में काफी गुस्से में थे. ऐसा उन्होंने क्यों किया? चलिए जानते हैं.
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आखिरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में गुस्सा क्यों हुए थे नेहरु?
पंडित नेहरू का जीवन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम से लेकर भारतीय गणराज्य के पहले प्रधानमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल तक जरुरी रहा है. हालांकि, 1960 के दशक के मध्य तक उनकी सेहत गिरने लगी थी. 1963 में जब नेहरू ने अपनी आखिरी प्रेस कॉन्फ्रेंस की तो उस समय उनका स्वास्थ्य पहले ही कमजोर हो चुका था. यह कॉन्फ्रेंस बहुत ही खास थी, क्योंकि इससे पहले उन्होंने सार्वजनिक रूप से अपनी सेहत पर कोई टिप्पणी नहीं की थी.
यह प्रेस कॉन्फ्रेंस 1963 में दिल्ली में आयोजित की गई थी, जिसमें पंडित नेहरू से उनके स्वास्थ्य और भारत की राजनीतिक स्थिति के बारे में कई सवाल किए गए. पत्रकारों ने उनसे पूछा, "क्या आप अपनी सेहत को लेकर चिंतित हैं?" इस पर पंडित नेहरू, जो पहले ही ठीक महसूस नहीं कर रहे थे, अचानक भड़क गए और उन्होंने गुस्से में कहा, "मैं इतनी जल्दी मरने नहीं जा रहा.” यह बयान नेहरू के मानसिक और शारीरिक तनाव का स्पष्ट संकेत था. हालांकि, इस वक्त उन्होंने अपनी बीमारी के बारे में कोई खास टिप्पणी नहीं की, लेकिन उनके इस बयान ने यह साफ कर दिया था कि उन्हें अपनी स्वास्थ्य समस्याओं और राजनीतिक स्थिति को लेकर चिंता थी. यह बयान उनकी आत्मविश्वास से भरपूर छवि के विपरीत था, जो उन्हें हमेशा जनता के बीच मजबूत नेता के रूप में प्रस्तुत करती थी.
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क्यों ऐतिहासिक घटना थी नेहरु की आखिरी प्रेस कॉन्फ्रेंस?
1963 की उनकी आखिरी प्रेस कॉन्फ्रेंस एक ऐतिहासिक घटना बन गई, क्योंकि इससे न केवल उनकी सेहत की स्थिति उजागर हुई, बल्कि यह भी दर्शाया कि पंडित नेहरू की मानसिक स्थिति कैसे उथल-पुथल के दौर से गुजर रही थी. उन्होंने यह बयान देकर एक साफ संदेश दिया कि वो अपनी सेहत और अपनी मौत से डरते नहीं थे, लेकिन फिर भी उनका गुस्सा और चिंता उनके भीतर की असुरक्षा और परेशानी को दिखाती है.
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