हम स्वाद के लिए खाने में लाल और हरी दोनों तरह की मिर्च का इस्तेमाल करते है. क्योंकि मिर्च का तीखापन आपके खाने को स्वादिष्ट बनाता है. मिर्च लाल हो या हरी ज्यादातर सभी तरह की मिर्च का स्वाद तीखा ही होता है. कभी कभी तो ज्यादा मिर्च खाने के बाद पेट में भी जलन महसूस होने लगती है. लेकिन कभी आपने सोचा है कि मिर्च तीखी क्यों होती है



मिर्च क्यों होती है तीखी 


मिर्च में कैप्साइसिन नामक कंपाउंड होता है, जो इसके तीखेपन के लिए जिम्‍मेदार होता है. कैप्साइसिन मिर्च के बीच वाले हिस्से में होता है, जो इसे तीखा और गर्म प्रकृति का बनाता है. साथ ही इसे फफूंद से बचाता है. कैप्साइसिन जीभ और त्वचा पर पाई जाने वाली नसों पर अपना असर छोड़ता है. इसके अलावा कैप्साइसिन खून में सब्‍सटेंस पी नामक केमिकल रिलीज करता है, जो दिमाग में जलन और गर्मी का सिग्‍नल देता है. यही वजह है कि मिर्च को खाने के बाद या स्किन पर मिर्च लगने से व्यक्ति को जलन और गर्मी का अहसास होता है.


पानी से नहीं होता तीखापन कम 



जब भी मिर्च का तीखापन महसूस होता है, तो पानी पीने से भी तीखापन खत्म नहीं होता है. इसकी वजह है कि कैप्साइसिन पानी में घुलनशील नहीं होता है. इसलिए मिर्च की जलन पानी पीने से शांत नहीं होती. जलन को शांत करने के लिए दूध, दही, शहद या शक्‍कर इस्‍तेमाल करना चाहिए.


इन लोगों को नहीं खानी चाहिए मिर्च



डाक्टर का कहना है कि ज्यादा मिर्च खाने से अस्थमा का अटैक पड़ सकता है. इसलिए अगर आप अस्थमा के मरीज हैं तो लाल मिर्च के सेवन से बचना चाहिए.


अल्सर के मरीजों को मिर्च का सेवन नहीं करना चाहिए, वर्ना समस्या बढ़ सकती है.


इसके अलावा पाइल्स यानी बवासीर की परेशानी झेल रहे लोगों को भी मिर्च के सेवन से परहेज करना चाहिए.


हरी मिर्च का ज्यादा सेवन त्वचा संबंधित परेशानियां भी पैदा करता है. इसलिए अगर आपको स्किन से जुड़ी कोई परेशानी है तो मिर्च के सेवन से परहेज करना चाहिए