Artificial Sun of China: भारत आज अपना पहला सूर्य मिशन लॉन्च करने को है. हालांकि भारत से पहले कई देश अपने सूर्य मिशन लॉन्च कर चुके हैं जिनमें उन्हें कामयाबी भी मिली है. लेकिन चीन ने तो एक नकली सूर्य भी बना लिया है. जो कि असली सूरज के मुकाबले कई गुना तक अधिक ऊर्जा देगा.


चीन ने इस सूरज का निर्माण न्यूक्लियर रिसर्च के जरिए की है. इस प्रोजेक्ट की शुरुआत वर्ष 2006 में हुई थी. चीन ने इस आर्टिफिशियल सूर्य को एचएल-2एम (HL-2M) नाम दिया है. इसे  चीन के नेशनल न्यूक्लियर कॉर्पोरेशन के साथ साउथवेस्टर्न इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिक्स के वैज्ञानिकों ने बनाया है. चीन के इस प्रोजेक्ट का मकसद प्रतिकूल मौसम में भी सोलर एनर्जी को बनाए रखा है. इस आर्टिफिशियल सूरज का प्रकाश असली सूर्य की तरह ही तेज होगा. इसे परमाणु फ्यूजन की मदद से तैयार किया गया है. जिसको नियंत्रित भी इसी व्यवस्था के जरिए किया जाएगा.


असली वाले से इतना ज्यादा गर्म है चीन का सूरज  


चीन ने आर्टिफिशियल सूर्य बनाकर अमेरिका, जापान, रूस जैसे कई देशों को विज्ञान के मामले पीछे छोड़ दिया है. रिपोर्ट्स में कहा गया हैं कि इस सूरज की कार्यप्रणाली में एक शक्तिशाली चुंबकीय इलाके का इस्तेमाल किया जाता है. इस समय ये 150 मिलियन (15 करोड़) डिग्री सेल्सियस तक का तापमान प्राप्त कर सकता है. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन का आर्टिफिशियल सूरज असली सूर्य के मुकाबले दस गुना ज्यादा गर्म है. यदि असली सूर्य के टेम्प्रेचर की बात करें तो वह लगभग 15 मिलियन डिग्री सेल्सियस है.


इतनी आई कुल लागत


चीन ने सिचुआन प्रांत में मौजूद इस रिएक्टर को अक्सर  आर्टिफिशियल सूर्य कहा जाता है. ये असली सूरज की तरह ही गर्मी और बिजली पैदा कर सकता है. रिपोर्ट बताती हैं कि न्यूक्लियर फ्यूजन एनर्जी का विकास चीन की सामरिक ऊर्जा आवश्यकताओं को पूर्ण करने के साथ ही चीन के एनर्जी और इकॉनमी के विकास में सहायक सिद्ध होगा. इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 22.5 बिलियन डॉलर है.


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