दुनिया में लोग जवान बनने के लिए तरह-तरह की चीजें अपना रहे हैं. तकनीक की मदद से लोग अपना बुढ़ापा छिपा रहे हैं. विदेशों के साथ-साथ अब भारत में भी ऐसी तकनीकों का इस्तेमाल हो रहा है. लेकिन चीन ने इस क्षेत्र में एक कदम और आगे बढ़ा दिया है. उसने ऐसी तकनीक का इजात किया है जो लोगों के बुढ़ापे को कम कर दे रहा है. चलिए जानते हैं कि आखिर चीनी वैज्ञानिकों ने क्या किया है.


कौन सी है वो तकनीक


चीनी शोधकर्ताओं ने हाइड्रोजन थेरेपी का विकास किया है, जिसका उपयोग इंसान के शरीर में उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करने और बुढ़ापे संबंधी समस्याओं को रोकने के लिए किया जा सकता है. शोधकर्ताओं की टीम ने नैनोटेक्नोलॉजी का उपयोग कर हाइड्रोजन समृद्ध पानी पीने और हाइड्रोजन गैस को सांस के साथ अंदर लेने के लिए एक प्रक्रिया विकसित की है. इस तकनीक का अनुसरण करते हुए, उन्होंने दावा किया है कि यह प्रतिक्रिया बुढ़ापे की बीमारियों को रोकने में मदद कर सकती है, जैसे कि हड्डियों के रोग और अन्य समस्याएं.


किस तरह से काम करती है ये तकनीक


इस शोध में, हाइड्रोजन को सुरक्षित रूप से शरीर में पहुंचाने के लिए वैज्ञानिकों ने नैनोटेक्नोलॉजी का उपयोग किया है, जिससे हाइड्रोजन को 40,000 गुना ज्यादा प्रभावी तरीके से अवशोषित किया जा सकता है. यह तकनीक शरीर में हाइड्रोजन को एक हफ्ते तक धीमी गति से प्रवाहित करती है और हाइड्रोजन समृद्ध पानी की प्राप्ति के लिए 30 मिनट से अधिक समय नहीं लेती है. शोधकर्ताओं ने चूहों पर किए गए परीक्षणों में देखा कि बूढ़े चूहों की हड्डियों में सुधार हो सकता है, जो इस तकनीक के अनुसार हाइड्रोजन के सूजनरोधी प्रभाव का परिचय करा रहा है.


शोधकर्ता कहते हैं कि यह तरीका ना केवल हड्डियों के रोगों के इलाज के लिए उपयोगी हो सकती है, बल्कि आने वाले समय में अन्य बुढ़ापे संबंधी समस्याओं का समाधान भी प्रदान कर सकती है, जैसे कि अल्जाइमर जैसे रोग. इस तकनीक का विकास हाइड्रोजन की बड़े स्तर पर काम करने वाले एंटीएजिंग विशेषताओं की खोज पर आधारित है, जिससे उम्र बढ़ने के साथ होने वाली कोशिका चक्र क्रियाओं में गिरावट को रोकने में मदद की जा सकती है. रिसर्चर्स मानते हैं कि इस तकनीक से हाइड्रोजन, सूजन रोकने वाले एजेंट के रूप में कार्य करता है, जिससे बुढ़ापे के साथ जुड़ी समस्याएं और रोगों में सुधार हो सकता है.


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