ये कैसा शहर है भई... जहां जनवरी से ही पहले पारा 0 पहुंच गया और थोड़े दिन बाद 50 डिग्री पहुंच जाएगा!
Churu's Weather: ठंड ने अपना रूप दिखाना शुरू कर दिया है. राजस्थान के चुरू में पर 0 डिग्री पहुंच चुका है. एक हैरानी वाली बात यह है कि गर्मी में यहां तापमान सबसे ज्यादा रहता है. आइए जानते हैं...
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Lowest Temperature in Churu: दिसंबर लगभग बीत चुका है और सर्दी ने भी अब अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है. उत्तर भारत के कई राज्यों में अब ठंड ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है. दिल्ली और राजस्थान जैसे शहरों में भी अब रातें सर्द होने लगी हैं. रेगिस्तानी शहर राजस्थान में भी अब पारा लुढ़कना न सिर्फ शुरू हो चुका है, बल्कि यहां के एक शहर का पारा तो 0 डिग्री पर भी पहुंच चुका है. जी हां, इस प्रदेश का एक शहर ऐसा भी है, जहां सर्दी आने पर सबसे पहले पारा गिरना शुरू होता है और इतना गिर जाता है कि माइनस से नीचे भी चला जाता है. यह शहर अपने आप में खास है. जब गर्मियों का मौसम आता है तो यह शहर इतना जलता है कि पारा 50 के करीब पहुंच जाता है.
ये शहर देश के उन शहरों में आता है, जहां सबसे ज्यादा ठंड पड़ती है और गर्मी भी सबसे ज्यादा ही पड़ती है. ऐसे में जानते हैं कि यहां ये अनोखा कारनामा होने की वजह क्या है. किन कारणों की वजह से यहां सर्दी में पारा काफी गिर जाता है और गर्मी में आग बरसती है…
कौन-सा शहर है ये?
दरअसल, हम राजस्थान के जिस शहर की बात कर रहे हैं उसका नाम चूरू, यहां सर्दी और गर्मी दोनों में तापमान के रिकॉर्ड टूट जाते हैं. यह तो सभी जानते हैं कश्मीर के कई इलाकों में कड़ाके की तेज ठंड पड़ती है, लेकिन गर्मी के मौसम में वहां तापमान स्थिर भी रहता है और गर्मी उतनी ज्यादा नहीं पड़ती है. लेकिन, चूरू की कहानी अलग ही है. यहां गर्मी आती है तो पारा 50 के आसपास पहुंच जाता है और सर्दी आती है तो पारा माइनस से भी नीचे पहुंच जाता है.
क्यों होता है ऐसा?
दरअसल, चूरू में इतनी ठंड और गर्मी पड़ने के लिए यहां की भौगोलिक परिस्थितियों को जिम्मेदार माना जाता है. चूरू शहर राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों में सबसे पूर्व में है. इसलिए पश्चिम की ओर से आने वाली हवाओं के साथ बड़ी मात्रा में बालू और मिट्टी के कण आते हैं और जम जाते हैं. वहां आने वाली इन हवाओं में ऐसे कणों की मात्रा ज्यादा होती है. ये कण एक दूसरे से काफी चिपके होते हैं और सूरज की किरणों को जमीन तक पहुंचने से रोकते हैं. इसलिए धरातल पर ठंड का एहसास ज्यादा होता है.
अन्य कारण
इसके अलावा, इतनी ठंड के लिए यहां की हवा और मिट्टी भी जिम्मेदार है. हवा में ज्यादा शुष्कता और मिट्टी में गर्मी सोखने की कम क्षमता के चलते उत्तरी भारत की ठंडी हवाएं चुरू को सबसे ज्यादा ठंडी जगह बनाने के लिए जिम्मेदार हैं. साथ ही उत्तर भारत में पड़ने वाली बर्फ और बर्फीली हवाएं भी ठंड बढ़ने का कारण होती हैं. कुछ ऐसा ही हाल गर्मियों में भी देखने को मिलता है. गर्मियों में यहां सबसे ज्यादा गर्मी पड़ती है. इसके लिए एंटी सायक्लोनिक सर्कुलेशन, साफ मौसम और गर्मी के दिनों में पश्चिम की तरफ से शुष्क हवा का चलना जिम्मेदार है.
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