इस देश में नदियों का रंग भगवा हो रहा है, क्या पूरी दुनिया बदलने वाली है?
नेशनल पार्क सर्विस, डेविस में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय और अमेरिकी भूवैज्ञानिकों ने इस शोध के दौरान पाया कि अलास्का की नदियों और झरनों के पानी का रंग बदल रहा है.
दुनिया तेजी से बदल रही है. जलवायु परिवर्तन का प्रकोप इतना ज्यादा है कि अब इंसानों और जानवरों के साथ-साथ नदियां भी इससे प्रभावित हो रही हैं. हाल ही में एक रिसर्च नेचर अर्थ एंड एनवायरमेंट जर्नल में प्रकाशित हुई है. इस रिसर्च के अनुसार, अमेरिका के अलास्का राज्य में नदियों का और झरनों का रंग बदल रहा है. वैज्ञानिक मान रहे हैं कि ऐसा जलवायु परिवर्तन की वजह से हो सकता है.
75 जगहों पर हुआ रिसर्च
वैज्ञानिकों ने इस रिसर्च को करने के लिए अलास्का की 75 जगहों को चुना. नेशनल पार्क सर्विस, डेविस में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय और अमेरिकी भूवैज्ञानिकों ने इस शोध के दौरान पाया कि अलास्का की नदियों और झरनों के पानी का रंग बदल रहा है. इस पानी का रंग नारंगी हो रहा है. वैज्ञानिकों का मानना है कि ऐसा पर्माफ्रॉस्ट के पिघलने से निकलने वाले जहरीले खनिजों की वजह से हो सकता है.
दरअसल, जब पर्माफ्रॉस्ट पिघलते हैं तो उसमें हजारों वर्षों से दबा आयरन, जस्ता, कॉपर और सीसा बाहर निकलने लगता है. इस वजह से कई बार पानी का रंग बदल जाता है. कई बार इस वजह से पानी का रंग लाल हो जाता है तो कई बार नारंगी. अलास्का में ज्यादातर पानी का रंग नारंगी हो रहा है. कुछ दिनों पहले ऐसे ही हवाई के एक द्वीप पर मौजूद एक तालाब के पानी का रंग अचानक से गुलाबी हो गया था.
ये पर्माफ्रॉस्ट क्या है?
पर्माफ्रॉस्ट यानी जमीन के नीचे स्थायी रूप से जमी हुई एक परत जिसमें मिट्टी के साथ कई तरह के खनिज भी मौजूद होते हैं. आमतौर पर ये परत बर्फ के साथ जमी होती है, लेकिन जब गर्म वातावरण की वजह से बर्फ पिघलती है तो पानी के साथ-साथ कई तरह के खनिज भी बाहर निकलने लगते हैं. ये खनिज पानी के साथ बह कर आसपास के जल स्त्रोतों में मिल जाते हैं, जिसकी वजह से पानी का रंग बदल जाता है.
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