जलवायु परिवर्तन सिर्फ इंसानों पर असर नहीं डाल रहा है, बल्कि जानवरों को भी ये प्रभावित कर रहा है. यहां तक की आपकी बालकनी और आंगन में खेल रही गिलहरी भी इससे प्रभावित हो रही है. यहां तक की इस वजह से अब इन छोटे जीवों में कई परिवर्तन भी देखे जा रहे हैं. जैसे कई पक्षियों के पंखों का साइज जलवायु परिवर्तन की वजह से छोटा हो रहा है, कुछ ने अपने खाने के तरीके में बदलाव कर लिया है. जैसे गिलहरियों में जलवायु परिवर्तन की वजह से इनके शरीर पर अब असर पड़ने लगा है, यहां तक की उनके पैरों में भी बदलाव हो रहे हैं.


क्या हो रहा है बदलाव


गिलहरियों पर कनाडा की मैनिटोबा यूनिवर्सिटी की अगुआई में एक रिसर्च में पाया गया है कि कनाडा के प्रेयरी घास के मैदानों में पाई जाने वाली गिलहरी की एक प्रजाति के कुछ नर गिलहरियों में हाइबरनेशन से निकले जमें यानी गैर गतिशील स्पर्म था. हालांकि, यह कोई ऐसा बदलाव नहीं है जो गिलहरियों के लिए विनाशकारी हो. लेकिन ये जरूर है कि इस तरह के बदलाव दीर्घकाल में वन्यजीवों और उनके पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य और उनकी मजबूती को भी प्रभावित कर सकती हैं.


पैर का आकार बढ़ रहा है


मैनिटोबा यूनिवर्सिटी द्वारा ही हुए एक रिसर्च में पता चला कि जलवायु परिवर्तन का गंभीर असर अफ्रीकी जमीन पर रहने वाली अफ्रीकी गिलहरियों पर पड़ रहा है. उन्होंने इस रिसर्च में पाया कि यहां अधिकतम तापमान से 2 डिग्री ज्यादा मौसम गर्म होने की वजह से यहां रहने वाली गिलहरियों के पैर का आकार कुछ बढ़ गया था, जबकि उनका शरीर पहले के मुकाबले थोड़ा छोटा हो गया था.


इस बदलाव से क्या होगा


अब सवाल उठता है कि आखिर गिलहरियों में ये बदलाव होने से फर्क क्या पड़ेगा और क्या ये बदलाव गिलहरियों के लिए फायदेमंद है. इसका जवाब भी इसी रिसर्च में दिया गया है. दरअसल, इस रिसर्च में बताया गया कि बड़ा पैर होने से गिलहरी खुद को गर्मी से जल्दी से ठंडा कर पाती हैं. उसी तरह बड़े शरीर वाले जानवरों की तुलना में छोटे शरीर वाले जानवर ज्यादा तेज गति से गर्मी को अपने शरीर से निकाल पाते हैं. यानी गिलहरियों में हुआ ये परिवर्तन उन्हें भविष्य में गर्म होते मौसम में बचा कर रखेगा. हालांकि, वैज्ञानिकों के मुताबिक ऐसे बदलावों और उनसे पड़ने वाले प्रभावों के दूरगामी नतीजे होते हैं.


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