कभी बेतहाशा गर्मी तो कभी कड़ाके की ठंड और अब मूसलाधार बारिश, आखिर मौसम में क्यों हो रहा इतना बदलाव?
कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि मौसम में तेजी से हो रहे बदलावों के पीछे ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन का भी योगदान है. दरअसल, पृथ्वी पर ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन बहुत तेजी से हो रहा है.
उत्तर भारत में इन दिनों मूसलाधार बारिश हो रही है. खासतौर से दिल्ली एनसीआर की बात करें तो यहां भारी बारिश की वजह से लोगों को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में लोगों के मन में ये सवाल उठना लाजमी है कि आखिर इतनी तेजी से मौसम बदल क्यों रहा है. दरअसल, मूसलाधार बारिश से पहले लोग भीषण गर्मी से परेशान थे और उससे पहले कड़ाके की ठंड से. चलिए जानते हैं कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है और इसके पीछे की वजह क्या है.
क्यों बार-बार बदल रहा मौसम का मिजाज
इस सवाल का जवाब जानने के लिए हाल ही में यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास के शोधकर्ताओं ने रिसर्च किया और पता लगाया कि ऐसा क्यों हो रहा है. शोधकर्ताओं के अनुसार, तेजी से बदल रहे मौसम के पीछे जलवायु परिवर्तन का हाथ है. उनका मानना है कि इस तरह से हो रहे मौसम के बदलाओं के पीछे फीडबैक लूप भी हो सकता है.
ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन भी वजह
कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि मौसम में तेजी से हो रहे बदलावों के पीछे ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन का भी योगदान है. दरअसल, पृथ्वी पर ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन बहुत तेजी से हो रहा है, जिसका सीधा प्रभाव मौसम पर पड़ रहा है. इसके अलावा हवा में बढ़ते एयरोसोल सल्फेट की मात्रा भी धरती का तापमान बढ़ा रही है. वहीं इस वजह से अरब और हिंद महासागर का तापमान भी बढ़ रहा है, जिसकी वजह से मानसून पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है.
एक्सपर्ट क्या कह रहे हैं
डाउन टू अर्थ में छपी एक खबर के मुताबिक, हांगकांग पॉलिटेक्निक यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर और पर्यावरणीय अध्ययन से जुड़े शुओ वांग ने आशंका जताई है कि जलवायु परिवर्तन के चलते आने वाले समय में जलवायु में इस तरह के अचानक होने वाले बदलाव और होंगे. दरअसल, दुनियाभर के वैज्ञानिक मौसम में इस तरह से होने वाले बदलाओं पर रिसर्च कर रहे हैं और समझने की कोशिश कर रहे हैं कि भविष्य में इस तरह के बदलाओं का वो पहले से कैसे अनुमान लगा सकें.
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