Draught in india: बढ़ती गर्मी पूरी दुनिया के लिए मुश्किलें खड़ी करने वाली है. इस बदलाव से सीधे तौर पर पर्यावरण, खेती, हमारे जीवन और यहां तक कि पूरी पृथ्वी प्रभावित होने वाली है. ये बदलाव काफी खतरनाक होगा, क्योंकि हाल के एक अध्ययन में यह बताया गया है कि दुनिया के गर्म होने से सूखे की समस्या गंभीर होती जा रही है. कई देश सूखे की मार झेल भी रहे हैं, वहीं कुछ देशों में ऐसे हालात बनने वाले हैं. ऐसे में आइए जानते हैं भारत के हालात क्या हैं.

किसने की है ये रिसर्च


चीन की नानजिंग यूनिवर्सिटी ऑफ इंफॉर्मेशन साइंस एंड टेक्नोलॉजी के हाइड्रोलॉजिस्ट, रिसर्च हेड और लेखक जिंग युआन ने अध्ययन में बताया कि पिछले करीब एक दशक से वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए सूखा और गर्मी एक महत्वपूर्ण विषय बन गया है. साइंटिस्ट लगातार ग्लोबल वार्मिंग के खतरे के प्रति आगाह कर रहे हैं, लेकिन अभी इस और गंभीरता से ध्यान नहीं दिया गया है.

70 से 80 फीसदी होगा अल नीनो 


भारतीय मौसम विभाग ने संभावना जताई है कि देश में आने वाले समय में 70 फीसदी अल नीनो (El Nino in India) प्रभावी होगी. इससे कृषि और अर्थव्यवस्था की हालत बुरी हो सकती है. बाजार भी असंतुलित हो सकता है और महंगाई बढ़ सकती है. बताया गया है कि इसका असर रोजगार पर भी पड़ेगा. दरअसल, स्टडी में जिन देशों के लिए गर्मी और सूखे को खतरनाक बताया गया, उनमें अफ्रीका और दक्षिण पूर्व एशिया के अलावा भारत भी शामिल है. रिसर्च के अनुसार, यह एक तरह का आकस्मिक सुखा या अकाल है. यह कुछ ही हफ्तों में फसलों को कर देता है.

भारतीय मौसम विभाग की चेतावनी


मौसम विभाग के मुताबिक 11 से ही इस हालात की संभावना बढ़ गई है. हालांकि फिलहाल इसकी संभावना 50 फीसदी व्यक्त की गई थी लेकिन अब किसानों और कृषि आधारित अर्थव्यवस्था के लिए खतरा बढ़ गया है. जून, जुलाई और अगस्त के मौसम में अल नीनो की 70 फीसदी संभावना है. और जुलाई, अगस्त और सितंबर के मौसम में तो यह 80 फीसदी तक जा सकता है.

सूखे की वजह


विशेषज्ञों ने इसकी सबसे बड़ी वजह जलवायु परिवर्तन या यूं कहें कि इंसानों की वजह से होने वाले जलवायु परिवर्तन को बताया है. कृषि पर आधारित आजीविका वाले इलाकों में बारिश होनी बेहद जरूरी है. अगर बारिश नहीं होगी तो कृषि बुरी तरह प्रभावित होगी. अध्ययन के मुताबिक भारत, दक्षिण पूर्व एशिया और अफ्रीका जैसे देश अचानक सूखे की स्थिति पर आ खड़े हुए हैं.

कैसे पड़ता है सूखा?


नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन के जलवायु वैज्ञानिक एंड्रयू होएल के मुताबिक, सूखे की परिस्थितियों में पहली बारिश से मैदान गीला हो तो जाता है, लेकिन बारिश के बंद होने पर तेज गर्मी, धूप और गर्म हवा बहुत जल्दी पानी को वाष्पित कर देते हैं. इसके बाद लंबे समय तक बारिश नहीं होती, जोकि खेती और पर्यावरण के लिए खतरनाक हो जाता है.