राजधानी दिल्ली समेत उत्तर भारत में ठंड का कहर लगातार जारी है. इन सभी जगहों पर दिन में कोहरा और शाम होते-होते तामपान में गिरावट देखी जा रही है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये ठंड किसानों और कुछ फसलों के लिए फायदेमंद हैं. आज हम आपको बताएंगे कि ये ठंड किसानों के लिए किस तरीके से फायदेमंद है.
फसलों को फायदा
इस ठंड के मौसम में किसानों के चेहरे पर खुशी देखी जा रही है. जिसका सीधा कारण है कि फसलों को लाभ मिल रहा है. खेती के जानकारों का भी कहना है कि ठंड बढऩे से गेहूं के अलावा मटर और सरसों को लाभ होगा और हल्की बूंदाबांदी होती है, तो भी फसलों पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा. किसान बताते हैं कि तेज बारिश ना हो तो सर्दी का मौसम रबी की तमाम फसलों के लिए अच्छा होता है. ठंड बढऩे से गेहूं, मटर व सरसों का दाना बढ़ता है और उत्पाद बेहतर होता है.
किसानों ने कहा कि इस महीने ऐसा ही मौसम रहा तो अच्छी पैदावार होगी. वहीं हल्की बूंदाबांदी हुई तो सिंचाई की जरूरत नहीं होती है. हालांकि पाला पडऩे से आलू की फसल को नुकसान हो सकता है.किसानों ने कहा कि ओस के रूप में फसलों को पानी मिलता है, जिससे नमी बनी रहेगी. इसके अलावा तापमान कम होने से गेहूं, मटर, सरसों, मसूर आदि फसलों की अच्छी पैदावार होने की संभावनाएं रहती हैं. किसानों ने कहा कि अगर ओस, कोहरा और ठंड अच्छे से पड़ता है, तो गेहूं व मटर के दानों में फुटाव खूब अच्छा होगा. वहीं गेहूं की फसल बहुत ज्यादा अच्छी होगी.
इन सब्जियों को नुकसान
हालांकि इस ठंड का बुरा असर टमाटर, बैंगन, भिंडी, गोभी, मूली जैसी फसलों पर पड़ता है. सब्जियों के पौधे ठंड से काला पड़ना शुरू हो जाते हैं. लेकिन कुछ देशी उपायों से किसान अपने फसल को ठंड से खराब होने से बचा सकते हैं. इससे बचने के लिए किसान पौधे को प्लास्टिक की चादर से ढक सकते हैं. वहीं पुआल से पौधों को ढक कर भी उन्हें बचाया जा सकता है.
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