कंडोम को लेकर काफी अवेयरनेस प्रोग्राम चलाए जा रहे हैं. अब कंडोम को लेकर जागरुकता भी बढ़ी है. हालांकि, कई लोगों का मानना है कि कंडोम के बढ़ते इस्तेमाल की वजह से इससे प्रदूषण भी बढ़ रहा है. तो ऐसे में सवाल है कि क्या इसे रिसाइकिया किया जा सकता है और क्या ये सही में प्रदूषण के लिए खतरनाक होता है. 


वैसे आपको बता दें कि कंडोम लेटेक्स रबर से बना होता है. इसके लिए सबसे पहले लेटेक्स को अलग अलग प्लांट्स से इकट्ठा किया जाता है. इसके बाद इसमें कई तरह के कैमिकल आदि मिलाकर इसे स्टोर किया जाता है. करीब सात दिन तक स्टोर रहने के बाद फॉर्मिंग मशीन के जरिए ही इन्हें बनाया जाता है. इसके लिए काफी टेस्ट होते है, जिसमें क्वालिटी पर चर्चा होती है. 


पर्यावरण के लिए नुकसानदायक?


अगर पर्यावरण के हिसाब से देखें तो लेटेक्स कंडोम बायोडिग्रेडेबल होते हैं. बाजार में अधिकांश कंडोम लेटेक्स से बने होते हैं, जो एक बायोडिग्रेडेबल प्रोडक्ट है. इसे प्लास्टिक की कैटेगरी में शामिल नहीं किया जा सकता है, जो कई साल तक खत्म नहीं होते हैं.  वैसे यह पानी में नहीं घुलता है,लेकिन लंबे समय तक मिट्टी में रहने पर यह खत्म हो जाता है.


हालांकि, कचरे में यूं हीं फेंके गए कंडोम प्लास्टिक की थैली की तरह जानवरों के लिए दिक्कत बन जाते हैं. साथ ही कई रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि इन्हें रिसाइकिल नहीं किया जा सकता है.