Pakistan Rape Law: पाकिस्तान में महिलाओं की स्थिति बेहद खराब है. जहां महिलाओं के साथ होने वाले दुष्कर्म के मामलों में सबसे ज्यादा अपने ही जिम्मेदार रहते हैं. पिछले साल ही पाकिस्तानी पत्रकार हामिद मीर ने एक टीवी कार्यक्रम में रेप से जुड़ा चौंकाने वाला आंकड़ा शेयर किया था. जिसमें उन्होंने बताया था कि पाकिस्तान में बलात्कार के आरोपियों में  82 फीसदी पीड़ित के परिवार से ही होते हैं. इसमें खुलासा हुआ था कि रेप करने वालों में पीडि़तों के पिता, भाई, दादा, चाचा, नाना, मामा और फूफा ही शामिल रहते हैं. एक सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में हर 2 घंटे में एक रेप होता है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर पाकिस्तान में रेप की सजा क्या है?


पाकिस्तान में क्या है रेप की सजा?


साल 2020 में रेप के बढ़ते मामलों को देखते हुए पाकिस्तान में एक नया कानून लाया गया था. इस कानून के तहत रेप के दोषियों को नपुंसक बनाने की सजा का प्रावधान किया गया था. जी हां, इस कानून के मुताबिक यदि रेप के मामले में कोई व्यक्ति दोषी पाया जाता है तो उसे नपुंसक बना दिया जाता है. ये कार्य केमिकल कैस्ट्रेशन के जरिये किया जाता है. इस कानून को एंटी रेप ऑर्जिनेंस 2020 कहा जाता है. इस कानून को इमरान खान की कैबिनेट द्वारा मंजूरी दी गई थी.


पीड़ितों की पहचान का खुलासा करना भी अपराध


पाकिस्तान रेप पीडि़तों की पहचान का खुलासा करना भी अपराध की श्रेणी में आता है. जो एक दंडनीय अपराध माना जाता है. कानून के तहत इस तरह के मामलों में यदि पाकिस्तान में जांच में किसी तरह की लापरवाही दिखाई जाती है तो वो जांच करने वाले पुलिस और सरकारी अधिकारियो पर जुर्माना और तीन साल तक की जेल की सजा का भी प्रावधान है. इसके अलावा यदि कोई अधिकारी झूठी जानकारी देता है तो उसके लिए भी सजा का प्रावधान है.


पाकिस्तान में हर रोज सामने आते हैं 12 रेप के मामले


2022 में सामने आई एक सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में हर 2 घंटे में एक रेप होता है. पाकिस्तान के पंजाब के गृह विभाग और मानवाधिकार मंत्रालय से इकट्ठे किए गए आंकड़ों के आधार पर पाकिस्तानी चैनल समा टीवी की इन्वेस्टिगेशन यूनिट ने सर्वे किया, जिसमें पता चला कि पाकिस्तान में बलात्कार के मामले बढ़ रहे हैं और सजा की दर बहुत ही कम रही है.


इस सर्वे के मुताबिक, 2017 से 2021 तक पाकिस्तान में 21,900 महिलाओं के साथ रेप होने की सूचना मिली थी. इसका मतलब ये है कि देश भर में 12 महिलाओं का हर रोज या हर दो घंटे में एक महिला के साथ रेप की घटना को अंजाम दिया जा रहा है. हालांकि इस रिपोर्ट में ये भी बताया गया था कि ये आंकड़े बहुत कम हैं क्योंकि सामाजिक कलंक के डर से ज्यादातर मामले दर्ज ही नहीं होते हैं.


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