प्रेगनेंसी इस दुनिया का सबसे खूबसूरत एहसास है जिसको केवल महिलाए ही महसूस कर सकती है. जबकि ऐसा बिलकुल नही है. जी हां, आज आपको कुछ ऐसी जानकारी देते है जिससे आपको बहुत हैरानी होगी. पुरुष भी प्रेग्नेंसी के सिम्पटम्स को पूरी तरह महसूस कर सकते हैं. यह मजाक नही बल्कि सच है. एक्टर रितेश देशमुख की फिल्म मिस्टर मम्मी में भी आपको यह समस्या रितेश देशमुख में देखने को मिली है.


क्या यह बीमारी है?


कुछ पुरुष अपनी महिला पार्टनर की प्रेग्नेंसी का इतना असर लेते है कि वो अपनी पार्टनर को प्रेगनेंसी मे महसूस होने वाले सारे लक्षण खुद भी महसूस करने लग जाते हैं. जिसको 'सहानुभूति गर्भावस्था' भी कहा जाता है. मेडिकल के मुताबिक इसे अभी तक किसी भी तरह की खराबी नहीं माना गया है. फिल्म मिस्टर मम्मी में भी रितेश देशमुख प्रेगनेंसी के लक्षण महसूस करने लगते है और ऐसा बिलकुल नही होता कि वो प्रेगनेंट है बल्कि ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उनकी पार्टनर उस समय प्रेगनेंट होती है और वो अपनी पार्टनर को बहुत प्रेम करते है.


कौवॉड सिंड्रोम का कारण


लंदन के सेंट जॉर्ज हॉस्पिटल की एक स्टडी के अनुसार,  सिम्पथैटिक प्रेग्नेंसी होने के बाद पुरुषों को महिलाओं की तरह ही पीठ में दर्द, पेट में दर्द, दांत में दर्द, पेट फूलना, आलस आना, मॉर्निंग सिकनेस, डिप्रेशन, मूड में बदलाव, सुबह जल्दी उठना, तनाव, ज्यादा भूख लगना, यादाश्त कमजोर होने जैसे लक्षण महसूस होने लगते हैं. आसान शब्दों में कहा जा सकता है कि प्रेग्नेंसी के समय जो पुरुष पार्टनर अपनी महिला पार्टनर और होने वाले बच्चे के लिए बहुत ज्यादा सहानुभूति रखते हैं, उन्ही में कौवॉड सिंड्रोम के लक्षण देखे जाते हैं. कभी कभी ऐसा भी होता है कि होने वाले बच्चे के बारे में बहुत ज्यादा सोचते है तो भी इसका असर बॉडी पर पड़ने लग जाता है. 


कौवॉड सिंड्रोम के लक्षण कब से शुरु होते है


कौवॉड सिंड्रोम हू ब हू प्रेग्नेंसी के स्वरूप की तरह ही चलता है. ये प्रेग्नेंसी के पहली तिमाही में शुरू हो जाता है, दूसरे तिमाही में टेंपरेटी रूप से चला जाता है और आखिरी तिमाही में फिर से इसके लक्षण पूर्ण रूप से दिखाई देने लग जाते हैं. बच्चे की पैदाईश के बाद भी कुछ दिनों तक ये लक्षण पूर्ण रूप से दिखाई दे सकते हैं.


क्या हार्मोन में बदलाव हो सकता है इसका कारण?


कौवॉड सिंड्रोम के ज्यादातर केस डेवलप्ड कंट्री में पाए जाते हैं. काफी सारी स्टडीज के मुताबिक स्वीडन, अमेरिका, ब्रिटेन और थाईलैंड के पुरुषों में ये लक्षण ज्यादा देखने को मिलते हैं. हार्मोन में बदलाव भी इस सिंड्रोम एक बड़ी वजह मानी जाती है. कौवॉड सिंड्रोम की बेहतर जानकारी के लिए स्टडीज चल रही हैं. जबकि फिलहाल इसे पुरुष का अपनी प्रेग्नेंट पार्टनर और होने वाले बच्चे के प्रति बहुत ज्यादा भावनात्मक लगाव होने के कारण ही माना जाता है. हालाकि, हार्मोन में बदलाव को भी कुछ हद तक इस सिंड्रोम का जिम्मेदार माना जा रहा हैं.


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