Cow Declared As Rajya Mata:  हिंदु धर्म तो गाय को गौ माता कहा जाता है. और गाय की पूजा की जाती है. धार्मिक दृष्टि से गाय का काफी महत्व होता है. किसी भी धार्मिक कार्य में पूजा के बाद जब भोजन पकाया जाता है. भगवान जी को भोग लगाने के बाद गाय के लिए अलग से भोजन निकाला जाता है. लेकिन बहुत से लोग ऐसे भी हैं जो गाय का इस्तेामल करने के बाद उसे सड़को पर छोड़ देते हैं.


जब तक गाय दूध देती रहती है. वह उसे रखते हैं उसके बाद वह उसे जाने देते हैं. इसके बाद इन गायों की कई लोग तस्करी करते हैं. तो कई मौकों पर गाय दुर्घटना का भी शिकार हो जाती हैं. लेकिन अब भारत के इस राज्य में गोवंश के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. गाय की इस राज्य में अब गाय को राज्य माता का दर्जा दे दिया गया है. चलिए आपको बताते हैं इससे गोवंश को क्या फायदा होगा.


यह भी पढे़ं: ये है पाकिस्तान की सबसे लग्जरी ट्रेन, जानिए भारत की प्रीमियम ट्रेनों से कितनी है अलग?


महाराष्ट्र में गाय बनी राज्यमाता


महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे सरकार ने गायों के लिए एक बेहद बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने प्रदेश में देसी गाय को अब  राज्य माता का दर्जा दे दिया है. महाराष्ट्र सरकार ने भारतीय संस्कृति में देशी गाय की स्थिति और मानव आहार में देसी गाय के दूध की उपयोगिता. तो साथ ही आयुर्वेद चिकित्सा और पंचगव्य उपचार पद्धति और खेती की प्रणालियों में देशी गाय के गोबर और गोमूत्र के महत्व को देखते हुए यह फैसला लिया है. अब महाराष्ट्र सरकार गौवंश के लिए अगल से योजना चलाकर सब्सिडी देगी. 


यह भी पढे़ं: दुनिया के किस शहर में सबसे ज्यादा पुल, नंबर इतने ज्यादा कि गिनते-गिनते थक जाएंगे


सरकार देगी गौ पालन के लिए सब्सिडी


गाय को राज्यमाता घोषित करने के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ऑफिस से बयान भी जारी कर दिया गया है. जिसमें  कहा गया है कि 'कैबिनेट की बैठक में आज देसी गायों के पालन के लिए 50 रुपए प्रतिदिन की सब्सिडी योजना लागू करने का फैसला लिया गया. बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने की. चूंकि गौशालाएं अपनी कम आय के कारण इसे वहन नहीं कर सकती थीं, इसलिए उन्हें मजबूत करने का निर्णय लिया गया.' यानी अब प्रदेश में गौ शाला संचालकों को सरकार की ओर से सब्सिडी मुहैया करवाई जाएगी. 


यह भी पढे़ं: SPG vs NSG: कौन हैं देश के सबसे खूंखार कमांडो? कैसे होती है ट्रेनिंग…क्या है भर्ती की प्रक्रिया