हेलमेट पर भारत का झंडा लगाकर खेलते हैं क्रिकेटर... क्या ऐसा करना गैर-कानूनी है?
आपने देखा होगा कि कई खिलाड़ी जब ग्राउंड पर क्रिकेट खेलने आते हैं तो वो हेलमेट पहनकर रखते हैं, जिस पर झंडा बना होता है. तो जानते हैं क्या ये झंडे से जुड़े नियमों के हिसाब से सही है?
जब भी क्रिकेट मैच चलता रहता है तो आपने देखा होगा कि कई खिलाड़ी जब बैटिंग करने आते हैं तो हेलमेट भी पहनकर आते हैं. कई भारतीय खिलाड़ियों के हेलमेट पर आपने भारत का झंडा बना हुआ देखा होगा, लेकिन कई खिलाड़ियों के हेलमेट पर नहीं होता है. कई लोगों को मानना है कि हेलमेट पर झंडे लगाकर खेलने से तिरंगे का अपमान होता है जबकि कई लोग इसे खिलाड़ी की देश भावना से जोड़कर देखते हैं. ऐसे में सवाल ये है कि आखिर नियमों के हिसाब से हेलमेट पर झंडा बनाना कितना सही है और झंडे को लेकर क्या नियम है.
दरअसल, पहले भी हेलमेट पर झंडा बनाने को लेकर काफी चर्चा हो चुकी है और खिलाड़ियों को ऐसा करने से मना भी किया गया था, तो जानते हैं कि झंडे लगाने को लेकर नियम क्या कहते हैं. साथ ही जानते हैं कि इसे लेकर क्या विवाद हो चुका है...
पहले लगा था बैन
ये बात साल 2005 की है, जब खिलाड़ियों पर तिरंगे का इस्तेमाल करने पर बैन लगा दिया था. खिलाड़ी जिन एसेसरीज का इस्तेमाल करते हैं, उन पर तिरंगा नहीं लगाने के लिए कहा गया था. बता दें कि साल 2005 में बीसीसीआई और भारत सरकार के बीच विवाद के बाद भारतीय खिलाड़ियों को अपने हेलमेट, रिस्ट बैंड या जर्सी पर कहीं भी तिरंगे को प्रदर्शित करने से बैन कर दिया गया था. इस दौरान गृह मंत्रालय ने भारतीय ध्वज संहिता के हवाले से कहा गया था कि तिरंगे का इस्तेमाल जर्सी या किट पर नहीं किया जाना चाहिए.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, इसके बाद सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली ने भी हेलमेट से तिरंगा हटा दिया था. उसके बाद इस पर काफी बवाल हुआ था. इसके बाद बीसीसीआई ने सरकार से बात की और तत्कालीन गृह मंत्री शिवराज पाटिल ने तिरंगे का उपयोग करने की अनुमति दे दी थी. इसके बाद फिर से तिरंगे का इस्तेमाल हेलमेट आदि पर किए जाने लगा.
धोनी ने तिरंगा लगाना कर दिया था बंद
टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने 2011 वर्ल्ड कप के बाद हेलमेट पर तिरंगा लगाना बंद कर दिया था. इसके पीछे वजह ये बताई जा रही थी कि धोनी कीपिंग के वक्त इस हेलमेट को जमीन पर रखते थे तो उन्होंने ऐसा करना बंद कर दिया था.
ये भी पढ़ें- क्या सही में प्रदूषण में रहने से 10 सिगरेट जितना धुआं आपके शरीर में चला जाता है?