जब कभी जीवो की बात आती है तो हम देखते हैं कि कुछ जीव शाकाहारी होते हैं जो पेड़-पौधों का सेवन करते हैं और कुछ जीव मांसाहारी होते हैं जो दूसरे जीवो को मार कर उनके मांस का सेवन करते हैं. लेकिन आज यहां बात शाकाहारी या मांसाहारी की नहीं बल्कि ऐसे जीव की बात है जो इतना ज्यादा खूंखार है कि वह ईंट-पत्थर, लोहे की कील, बर्तन इत्यादि को भी खा जाता है. जी हां, यह खूंखार जीव ईंट- पत्थर और लोहे की चीजों को भी आसानी से पचा लेता है. अब आपके मन मे भी कई तरह के सवाल उठ रहे होंगे, यह खूंखार जीव कौन सा है? यह ईंट- पत्थर, लोहे की कील और बर्तनों को चबाकर खाता है या केवल उन्हें निगलता है? क्या ईंट- पत्थर, लोहे की कील और बर्तनों से जीव के दांत नहीं टूटते? आपके इन सभी सवालों के जवाब हम आपको बताते हैं. 


ईंट-पत्थर, लोहे की कील, बर्तन को खाने वाला जीव 


शाकाहारी और मांसाहारी जीव तो आपने बहुत देखे होंगे लेकिन क्या आपने कल्पना की, कोई जीव ईंट-पत्थर, लोहे की कील, बर्तन का सेवन भी कर सकता है. ईंट-पत्थर, लोहे की कील, बर्तन खाने वाला जीव और कोई नहीं बल्कि मगरमच्छ है. असल मे, मगरमच्छ एक डरावना और खतरनाक प्राणी है जो किसी भी चीज को पूरी तरह से निगल जाता है. मगरमच्छ की जीभ एक झिल्ली द्वारा उसके मुंह की छत से जुड़ी होती है जिसके कारण वह अपनी जीभ को बाहर नहीं निकाल सकता है और न ही हिला सकती है. इससे वह अपना भोजन चबाने में असमर्थ हो जाता है. फिर भी, मगरमच्छ स्टील की कील और यहां तक ​​कि बर्तन, कांच और पैन के टुकड़ों को भी खा जाता है. 




मगरमच्छ चबाकर नहीं खाते 


मगरमच्छ का शिकार इंसान हो या कोई दूसरा जीव, लोहे की कील हो या ईंट- पत्थर वह उसे चबाकर नहीं खाता है बल्कि वह अपने भोजन को निगलता है. अब बात यह है कि मगरमच्छ के दांत होने के बावजूद भी वो अपने भोजन को चबाता क्यों नहीं है सिर्फ निगलता क्यों है? ऐसा इसलिए है क्योंकि मगरमच्छ के दांत मुंह में किनारों पर होते हैं इसलिए ये अपने भोजन को चबा नहीं पाता है. मगरमच्‍छ के मुंह में दांत कुछ इस तरह से होते है कि ये शिकार को सिर्फ दबोच सकता है, दांतों से चबा नहीं सकता है. इसलिए ही यह आसानी से ईंट- पत्थर, कांच के टुकड़े, लोहे की कील और बर्तनों को भी आसानी से खा जाता है. 




मगरमच्छ ईंट- पत्थर, लोहे की कील और बर्तन को कैसे पचा लेते हैं? 


मगरमच्छ के शरीर में अत्यधिक अम्लीय और मजबूत पाचक रस होते हैं जो लोहे की कील और अन्य कठोर पदार्थों को आसानी से पचा सकते हैं. बात की जाए तो 
दूसरे जीवों की अपेक्षा मगरमच्‍छ के पेट में अध‍िक गैस्ट्रिक एसिड निकलता है जो खाने को पचाने में मदद करता है. विशेषज्ञों का कहना हैं कि मगरमच्‍छ छोटे-छोटे कंकड़-पत्‍थर भी खाता है जो पेट में जाकर भोजन को पीसने का काम करते हैं. ये पत्‍थर खासतौर पर ऐसे समुद्री जीवों का भोजन पचाने में मदद करते हैं जिनके चारों ओर शेल यानी कठोर कवच होता है.


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