अपने दौर का सबसे बड़ा यात्री जहाज टाइटैनिक 10 अप्रैल 1912 को साउथम्पटन से न्यूयॉर्क के लिए अपनी पहली यात्रा पर रवाना हुआ. लेकिन 4 दिन बाद ही 14 अप्रैल 1912 को वह एक आइसबर्ग से टकरा कर डूब गया. इस हादसे में 1517 लोगों ने अपनी जान गंवा दी. जहाज के डूबने के बाद, इसके मलबे को खोजने की बहुत कोशिश हुई, लेकिन पहली सफलता हाथ लगी 1985 में. जब पता चला कि टाइटैनिक जहाज का मलबा समुद्रतल से 2600 फीट नीचे अटलांटिक सागर में मौजूद है. इसके बाद से ही कई खोजी दलों नें टाइटैनिक के मलबे से कई कीमती चीजें निकालीं. आज हम आपको उन्हीं में से कुछ खास चीजों के बारे में बताएंगे.
मगरमच्छ की चमड़ी से बना बैग
टाइटैनिक के मलबे से मिली कुछ खास चीजों में मगरमच्छ की चमड़ी से बना एक बैग भी है. ये बैग बेहद खास है. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, यह एक खूबसूरत और छोटा सा फैशनेबल बैग है. इन चीजों को खोजने वाली कंपनी BRMS टाइटैनिक इंक के लिए कलेक्शन की डायरेक्टर टोमासिना बताती हैं कि इस बैग की मालकिन 63 साल की एक महिला थीं, जो हैट बेचने के व्यवसाय में थीं. इन महिला का नाम मैरियन मीनवेल था जो लंदन की रहने वाली थीं और अमेरिका अपनी बेटी से मिलने जा रही थीं. आपको बता दें, ये सारी जानकारियां इस बैग में मिली एक सिफारिशी चिट्ठी से मिली थीं, जो लंदन के मकान मालिक ने मीनवेल को दिया था.
परफ्यूम की शीशियां
मगरमच्छ की चमड़ी से बने बैग की ही तरह टाइटैनिक जहाज के मलबे से मिली परफ्यूम की शीशियां भी बेहद शानदार हैं. सैकड़ों साल बाद आज भी इनमें खुशबू मौजूद है. रिपोर्ट्स बताती हैं कि ये परफ्यूम की शीशियां एडोल्फ सालफेल्ड नाम के एक परफ्यूम सेल्समैन की थीं, जो टाइटैनिक हादसे में बच गए थे. आपको बता दें, इस हादसे में लगभग 700 लोग बचा लिए गए थे, एडोल्फ सालफेल्ड उन्हीं 700 खुशकिस्मत लोगों में से एक थे. बताया जाता है कि एडोल्फ सालफेल्ड के पास उस वक्त कुल 90 परफ्यूम की शीशियां थीं, जब वह जहाज पर चढ़े थे.
शैंपेन की सुरक्षित बोतल
खोजकर्ताओं को टाइटैनिक के मलबे से शैंपेन की एक सुरक्षित बोतल भी मिली है. यानी इसमें शैंपेन पूरी तरह से भरी हुई है और ये कॉक से सील है. रिपोर्ट्स के मुताबकि, जब टाइटैनिक अपनी पहली यात्रा पर निकला तो उसनें शैंपेन की हजारों बोतलें रखी गई थीं. दरअसल, जहाज के मालिक चाहते थे कि पहले दर्जे के यात्रियों को सुंदर दृश्यों और शानदार खाने के अलावा शैंपेन का भी मजा मिले. यही वजह थी कि यात्रा के लिए इस जहाज में हजारों शैंपेन की बोतलें रखी गई थीं.
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