सोशल मीडिया पर इन दिनों एक नोट की तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें भगवान श्री राम बने हुए हैं. कहा जा रहा है कि यह एक हिंदू राष्ट्र के करेंसी की तस्वीर है जो यूएसए में मौजूद है. लोग जिसे हिंदू राष्ट्र बता रहे हैं उसका नाम ग्लोबल कंट्री ऑफ वर्ल्ड पीस (GCWP) है. चलिए जानते हैं कि आखिर इस श्री राम की तस्वीर वाले नोट की सच्चाई क्या है. और क्या ग्लोबल कंट्री ऑफ वर्ल्ड पीस सच में एक हिंदू राष्ट्र है.


क्या है नोट की सच्चाई


श्री राम की तस्वीर वाला नोट बिल्कुल सच है यह फोटो शॉप के द्वारा नहीं बनाया गया है. ग्लोबल कंट्री ऑफ वर्ल्ड पीस ने साल 2001 में अपनी खुद की करेंसी जिसे राम नाम दिया गया था उसे जारी किया था. इस नोट में भगवान राम की तस्वीर बनी हुई है. हालांकि, इस करेंसी को वर्ल्ड बैंक से मान्यता नहीं मिली है. 2003 में बीबीसी ने इस पर एक रिपोर्ट छापा था जिसमें कहा गया था कि ग्लोबल कंट्री ऑफ वर्ल्ड पीस द्वारा निकाले गए यह नोट डच लॉ और वहां के सेंट्रल बैंक के रूल को किसी भी तरह से वायलेट नहीं करते हैं. इसी रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि भगवान राम की तस्वीर वाली यह नोट यहां के 100 दुकानों और तकरीबन 30 गांवों और शहरों में एक्सेप्ट किए जाते हैं.


क्या यह सच में एक हिंदू राष्ट्र है


द ग्लोबल कंट्री ऑफ वर्ल्ड पीस की वेबसाइट के मुताबिक, यह कोई हिंदू राष्ट्र नहीं बल्कि एजुकेशनल ऑर्गेनाइजेशंस का हेड क्वार्टर है जिसकी स्थापना आध्यात्मिक गुरु महर्षि महेश योगी ने साल 2000 में की थी. यह जगह यूएसए के लोआ के पास स्थित है. फिलहाल इस संस्था या फिर जगह को टोनी नाडर लीड कर रहे हैं. जिसे लोग बॉर्डर लेस हिंदू कंट्री बता रहे हैं वहां रहने वाले ज्यादातर लोग साइंस एंड रिसर्च से जुड़े हुए हैं.


तो फिर वायरल वीडियो का सच क्या समझें


सोशल मीडिया पर अगर आपको भी द ग्लोबल कंट्री ऑफ वर्ल्ड पीस से जुड़ी यह खबर मिल रही है कि यह एक हिंदू राष्ट्र है और यहां की करेंसी को पूरी दुनिया में मान्यता मिली हुई है तो आप इस पर बिल्कुल भी विश्वास ना करें. इस तरह की कोई भी भ्रामक जानकारी शेयर करने से पहले उसकी जांच पड़ताल जरूर कर लें.


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