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क्या आप जानते हैं आपके घर आने वाला डेयरी का दूध कितना पुराना होता है?
Dairy Milk Process: क्या आप जानते हैं कि आपके घर पर प्लास्टिक पैकेट में जो दूध आता है वो एक्चुअल में कितना पुराना होता है. दरअसल, एक पशुपालक से आपके घर तक आने में इस दूध को काफी टाइम लगता है.
![क्या आप जानते हैं आपके घर आने वाला डेयरी का दूध कितना पुराना होता है? Dairy Milk Process Know how a milk packet come to your home and full process of packaging क्या आप जानते हैं आपके घर आने वाला डेयरी का दूध कितना पुराना होता है?](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/06/05/d31f1e27100027ed583dd4955d9ff6a71685942262343600_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
अब बहुत बड़ा वर्ग डेयरी के दूध पर ही निर्भर है. अब लोग हर रोज सुबह पैकेट में मिलने वाला दूध लाते हैं और उसे ही पीते हैं या फिर अन्य कामों के लिए इस्तेमाल करते हैं. डेयरी के दूध को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल होते हैं कि आखिर ये कितना शुद्ध है और कितना फ्रेश है. जब आपको सुबह 6 बजे दूध मिल जाता है तो इससे यह तय है कि दूध उस वक्त ही गाय या भैंस से निकाला हुआ नहीं होगा, क्योंकि दूध की पैकेंजिंग और ट्रांसपोर्ट में काफी वक्त लगा होगा. तो ऐसे में सवाल है कि आखिर आपके घर तक जो दूध आता है वो कितने पुराना होता है यानी एक पशुपालक से आपके घर आने में दूध को कितना वक्त लगता है...
घर पर कैसे आता है दूध?
अगर आप ऐसा सोचते हैं कि पहले डेयरी कंपनियां दूध को पशुपालकों से लेती हैं और फिर उन्हें थैली में पैक करके आपके घर तक पहुंचा देती है, तो ऐसा नहीं है. आपके घर तक दूध आने में एक लंबी चेन काम करती है और लंबी प्रोसेस के बाद आपके घर तक पैकेट में बंद होकर दूध आता है. दरअसल, सबसे पहले तो पशुपालक जानवर का दूध निकालते हैं और फिर उसे हर गांव या ब्लॉक में बने डेयरी सेंटर पर जमा करवाते हैं. यहां ही दूध के फैट आदि की जांच होती है और फिर उनसे उसे कलेक्ट कर लिया जाता है.
इसके बाद ब्लॉक स्तर पर एक सेंटर होता है, जहां कुछ मशीने लगी होती हैं और वहां दूध को काफी ठंडा किया जाता है. इन मशीनों के जरिए पहले दूध को काफी ठंडा कर दिया जाता है ताकि दूध खराब ना हो. इसके बाद उन सेंटर्स से टैंकर्स के जरिए दूध को प्लांट में लाया जाता है. ये एक शहर में एक या आसपास के शहरों में एक ही होता है. वहां दूध को फिर से प्रोसेस्ड किया जाता है, जिसमें पाश्युरीकृत की प्रोसेस शामिल है. फिर इस दूध को कई प्रोसेस फॉलो करने के बाद पैक किया जाता है. इस प्रक्रिया में दूध को गर्म और ठंडा दोनों किया जाता है. फिर इससे क्रीम आदि निकालने की प्रोसेस होती है और फिर इसे पैक किया जाता है.
एक बार थैलियां पैक होने के बाद ये ड्रिस्ट्रीब्यूट होने के बाद निकलता है और दुकानों तक पहुंचाया जाता है. इसके बाद आप उस दूध को खरीदते हैं और फिर इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते हैं कि आखिर आपके पास कितना पुराना दूध आता है. माना जाता है कि इसमें कम से कम दिन का वक्त तो लगता है, जिसके बाद दूध आप तक पहुंचता है.
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